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⭕चैत्र नवरात्र का पर्व हर साल भक्तिपूर्ण मनाया जाता है। इस दौरान माता दुर्गा की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान जो साधक पूजा-पाठ करते हैं उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
चैत्र नवरात्र हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित है। यह पर्व नौ दिनों तक चलता है और प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जाती है। साल 2025 में चैत्र नवरात्र 30 मार्च, दिन रविवार से शुरू होकर 6 अप्रैल, रविवार तक मनाई जाएगी। इस दौरान किस दिन कौन-सी देवी की पूजा करनी है? इसको लेकर लोगों में बहुत ज्यादा असमंजस की स्थिति है, तो चलिए इस लेख में हम आपकी दुविधा को दूर करते हैं। ताकि पूजा में किसी भी तरह का विघ्न न पड़े, तो आइए यहां जानते हैं।

⚜️कलश स्थापना समय
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पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च, 2025 को दोपहर 04 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए चैत्र नवरात्र की शुरुआत 30 मार्च यानी कल से होगी।
इसके साथ ही पहला कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। वहीं, दूसरा कलश स्थापना का समय अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।

🪔किस दिन किस देवी की पूजा होगी?
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प्रतिपदा 30 मार्च, 2025 रविवार मां शैलपुत्री
द्वितीया 31 मार्च, 2025 सोमवार मां ब्रह्मचारिणी
तृतीया 1 अप्रैल 2025 मंगलवार मां चंद्रघंटा
चतुर्थी 2 अप्रैल 2025 बुधवार मां कूष्मांडा
पंचमी 3 अप्रैल 2025 गुरुवार मां स्कंदमाता
षष्ठी 4 अप्रैल 2025 शुक्रवार मां कात्यायनी
सप्तमी 5 अप्रैल 2025 शनिवार मां कालरात्रि
अष्टमी-नवमी 6 अप्रैल, 2025 रविवार मां महागौरी-मां सिद्धिदात्री

🪔चैत्र नवरात्र का महत्व
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चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा के इन नौ रूपों की श्रद्धापूर्वक पूजा करने से भक्तों को शक्ति, समृद्धि, सुख और शांति की प्राप्ति होती है। प्रत्येक देवी का अपना विशेष महत्व है और उनकी आराधना से शुभ फल प्राप्त होते हैं। इसलिए नवरात्र के इन नौ दिनों में मां दुर्गा की भक्ति में लीन होकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। ऐसे में इस दौरान माता रानी की पूजा ज्यादा से ज्यादा करें। इसके साथ ही तामसिक चीजों से दूर रहें।

देवी पूजा मंत्र
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🚩”ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।।”
🚩”सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते।।”
*🚩जय_माता_की🚩*