देवभूमि न्यूज 24.इन
कोई भी मुस्लिम अल्लाह के नाम पर अपनी संपत्ति को कुछ ७०० मुस्लिम लोगों को दान कर देता है, जो कि अल्लाह को दिये गये दान की देखरेख कर रहे हैं —
ये गिने चुने लोग उस संपत्ति से पैसा कमाते हैं, और फिर किराया भी वसूलते हैं इन लोगों की सालाना आमदनी लगभग १५० करोड़ रु है जबकि इन गिने चुने लोगों की यह सालाना आमदनी २५० करोड़ से भी उपर है।
अल्लाह के नाम पर जो जमीन कोई मुस्लिम वक्फ को दान करता है, उस पर उस मुस्लिम के परिवार वाले फिर अपना दावा नहीं ठोक सकते।
किंतु भारत में वक्फ दान से नहीं अपितु दावा ठोककर दूसरे धर्म की और सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहा था उसका अब ईलाज हो गया है।
वक्फ वाले अब यदि किसी भी संपत्ति पर अपना बोर्ड लगाते हैं, तो 90 दिन के भीतर वो व्यक्ति हाईकोर्ट में जाकर उसके विरुद्ध स्टे ले सकता है, साथ है, वक्फ में कमेटी में अब गैर मुस्लिम भी रहेंगे और वक्फ के पास जितनी भी जमीनें बिना दस्तावेज के हैं उन्हें सरकारी संपत्ति घोषित किया जाएगा।
वक्फ बोर्ड दर असल में ऐसा जमीन तस्कर गिरोह था जो एसी जमीनों पर नजर रखता था जिसका कोई मालिक ना हो उस जमीन पर अपना बोर्ड लगाकर उसे कब्जा कर उस जगह पर किराये से कमाई करता था, और उस जगह पर बाहरी लोगों को बसा देता था।