वामन द्वादशी 2025: वामन द्वादशी कब है?

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देवभूमि न्यूज 24.इन⭕

भगवान विष्णु को समर्पित पवित्र वामन द्वादशी प्रति वर्ष 2 बार मनाई जाती है। एक चैत्र माह की शुक्ल द्वादशी तिथि को, और दूसरी बार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को। आपको बता दें कि विष्णु जी के दस अवतारों में से वामन उनका पांचवां अवतार है।

⚜️वामन द्वादशी का व्रत कब किया जाएगा
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वामन द्वादशी व्रत 09 अप्रैल 2025, बुधवार को शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर किया जाएगा।

द्वादशी तिथि 08 अप्रैल, रात 09 बजकर 12 मिनट पर प्रारंभ होगी।

द्वादशी तिथि का समापन 09 अप्रैल, रात 10 बजकर 55 मिनट पर होगा।

⚜️वामन द्वादशी के शुभ मुहूर्त
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🔔मुहूर्त- समय
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ब्रह्म मुहूर्त 04:10 AM से 04:56 AM तक

प्रातः सन्ध्या 04:33 AM से 05:41 AM तक

अभिजित मुहूर्त कोई नहीं

विजय मुहूर्त 02:06 PM से 02:56 PM तक

गोधूलि मुहूर्त 06:17 PM से 06:40 PM तक

सायाह्न सन्ध्या 06:18 PM से 07:26 PM तक

अमृत काल 07:21 AM से 09:05 AM तक

निशिता मुहूर्त 09 अप्रैल, 11:36 PM से 10 अप्रैल 12:22 AM तक

🪔वामन देव पूजा विधि
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  • साधक सुबह जल्दी उठें और भगवान वामन की पूजा करने से पहले पवित्र स्नान करें।
  • उनकी प्रतिमा को एक वेदी पर भाव के साथ स्थापित करें।
  • पवित्र गंगाजल से स्नान करवाएं।
  • हल्दी का तिलक लगाएं।
  • फिर पीले फूलों की माला अर्पित करें।
  • पीले वस्त्र अर्पित करें।
  • शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं।
  • भगवान वामन को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  • पूरे दिन का उपवास कर शाम को वामन कथा का पाठ करें।
  • आरती से पूजा को समाप्त करें।
  • वैदिक मंत्रों का जाप करें।
  • इसके अलावा कुछ दान-पुण्य जरूर करें।
  • ऐसी मान्यता है कि इस द्वादशी तिथि पर श्री हरि के वामन अवतार की पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। कहा जाता है कि यदि आप प्रतिदिन भगवान वामन को अर्पित किए हुए शहद का सेवन करते हैं, तो हर प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलेगी। वामन द्वादशी के विशेष पूजन व व्रत से व्यावसायिक सफलता मिलती है व पारिवारिक क्लेश दूर होता है।

🪔वामन देव की पूजा का महत्व
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वामन देव की पूजा का हिंदुओं में बहुत महत्व है। भगवान वामन श्री हरि के अवतार हैं, जो एक ब्राह्मण के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुए थे। उन्होंने देवताओं और राक्षसों के बीच शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए अवतार लिया था। वामन द्वादशी पर वामन देव की पूजा होती है। यह एक ऐसा दिन है जो बुराई पर अच्छाई और अहंकार पर भक्ति की जीत का प्रतीक है।

ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान वामन की पूजा करने से भक्त मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं और अपने पिछले जन्म के सभी पापों और कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं। इसके अलावा भगवान विष्णु उन्हें सभी सांसारिक सुखों और खुशियों का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

🛑तो यह थी वामन द्वादशी के शुभ मुहूर्त और तिथि से जुड़ी जानकारी, हम आशा करते हैं कि आपका व्रत सफल हो।

               *🚩हरिऊँ🚩*