छोटी-छोटी बातें भूल जाना ध्यान केंद्रित करने में परेशानी मुख्य लक्षण सिर्फ योग ही मदद करेगा
देवभूमि न्यूज 24.इन
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि ब्रेन फॉग कोई मेडिकल डायग्नोसिस नहीं है, बल्कि एक कंडिशन है, जिसमें व्यक्ति को किसी भी काम पर फोकस करने में दिक्कत, याददाश्त कमजोर होना, मानसिक थकान और बेहतर तरीके से सोचने में परेशानी होती है। अगर आप भी अक्सर भूलने लगते हैं, काम में मन नहीं लगता या दिमाग सुन्न-सा लगता है, तो हो सकता है कि आप ब्रेन फॉग का सामना कर रहे हों।ब्रेन फ़ॉग का मतलब है दिमागी धुंधलापन या मानसिक स्पष्टता की कमी, जिससे सोचने, याद रखने और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। यह दिमागी धुंधलापन किसी बीमारी, दवा के साइड इफेक्ट, या यहां तक कि तनाव या नींद की कमी के कारण भी हो सकता है.

ब्रेन फ़ॉग के लक्षण:छोटी-छोटी बातें भूल जानाध्यान केंद्रित करने में परेशानी
सही शब्द खोजने में संघर्ष करना
दिमाग में धुंधलापनतनाव या डिप्रेशन के लक्षणधीमी सोच ब्रेन फ़ॉग के संभावित कारण:तनाव और नींद की कमी:इनके कारण भी दिमागीधुंधलापन हो सकता है. बीमारी:तपेदिक (टीबी), लंबे समय तक कोविड रहना, कैंसर, डिप्रेशन और क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम जैसे रोग ब्रेन फ़ॉग के लक्षण हो सकते हैं.

दवाएं:कुछ दवाएं, जैसे कीमोथेरेपी, ब्रेन फ़ॉग के साइड इफेक्ट हो सकती हैं. हार्मोनल परिवर्तन:गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति जैसे हार्मोनल बदलाव भी ब्रेन फ़ॉग का कारण बन सकते हैं.
पोषण की कमी:शरीर को जरूरी पोषक तत्व न मिलने से भी दिमागी धुंधलापन हो सकता है. ब्रेन फ़ॉग का इलाज:तनाव कम करें:योगा,मेडिटेशन, व्यायाम और पर्याप्त नींद लें. पोषण युक्त आहार लें:स्वस्थ और संतुलित भोजन करें. दवाओं का सेवन:अगर कोई दवा साइड इफेक्ट पैदा कर रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें.