क्यों नही करना चाहिए महिलाओं को गायत्री मन्त्र का जाप?

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देवभूमि न्यूज 24.इन

क्यों वेद में वर्जित किया है ?स्त्री के लिए गायत्री मंत्र जाप?————————–समझते हैं आज इस बात के संदर्भ के लॉजिक को:–

ब्रह्मांड का सबसे शक्तिशाली एवं अत्यंत तीव्र वेग ॐ शब्द ही केवल इस शब्द है जो बिना जिव्हा के भी उच्चारण होता है जब कुछ व्यवस्थित शब्दों के समूह को ॐ के साथ जोड़ कर उच्चारित किया जाता है तब उसे मन्त्र की संज्ञा दी जाती है।

शास्त्रो में मन्त्रो की ऊर्जा के नियंत्रित अथवा अनियंत्रित वेग होते हैं,जिनका जाप अथवा ॐ शब्द हमारे नाभि चक्र को स्ट्रोक करता है जिससे उस मन्त्र की ऊर्जा हमारे शरीर के सात चक्रों से हो कर ब्रह्मांड में उस शक्ति को सूचना देती है जिसका हम जाप करते हैं।

गायत्री मंत्र एक अत्यंत ऊर्जा एवं तीव्र वेग मन्त्र है।।उसमे ॐ के तीव्र वेग ओर ऊर्जा के साथ सम्पुटित हो गायत्री मंत्र का वेग एवं ऊर्जा ओर तीव्र बन जाती है लगातार इसे जाप करने से यह नाभि चक्र को बार बार स्ट्रोक करती है वह नाभि जो स्त्री के अंदर गर्भाशय से जुड़ी होती है बार बार इतने तीव्र ऊर्जा के मन्त्र के जाप से नाभि स्ट्रोक होती है जिसके कारण गर्भाशय को नुकसान होने की आशंका बनती जाती है जो कि एक स्त्री के लिए सबसे विशेष विषय है इसलिए गायत्री जप स्त्रियों को वर्जित किया गया है।

दूसरा कारण स्त्री का मासिक धर्म है जिस समय शरीर की सम्पूर्ण ऊर्जा उधोमार्गी हो जाती है और यदि गायत्री मन्त्र जैसी तीव्र ऊर्जा शरीर मे हो तो वह उस मासिक धर्म के वक़्त उधोमार्गी होती ऊर्जा से टकराती है जिससे स्वास्थ्य सम्बधी बहुत सी परेशानियो जैसे migrain, mantly डिसऑर्डर, पित्त, से सम्बंधित अन्य अनेक समस्याए पैदा होने लगती हैं इस लिए वेद में स्त्री को गायत्री जाप करना अथवा ॐ सम्पुटित कोई अन्य मन्त्र भी जाप करना वर्जित किया गया है।

गायत्री मंत्र सर्वश्रेष्ठ मन्त्र है स्वयं श्री कृष्ण ने कहा है वृक्षो में में पीपल ओर मन्त्रो में मैं गायत्री हूँ।।परन्तु हर मन्त्र की एक विशेष ऊर्जा होती है जिसे हर एक इंसान नही सम्भाल सकता ऐसे ही सामान्य पुरुषों के लिए भी मन्त्र के कुछ विशेष प्रकार वर्जित हैं वह मन्त्र जो विशेष तरीके से आगे और पीछे सम्पुटन कर बनाये गए हैं उनके तीव्र वेग के लिए।

!! नारायण !!
✍️ज्यो:शैलेन्द्र सिंगला पलवल हरियाणा mo no/WhatsApp no9992776726
नारायण सेवा ज्योतिष संस्थान