शिमला में मीमांसा – 2025 बाल साहित्य महोत्सव के मुख्य आकर्षण – दूसरा दिन

Share this post

देवभूमि न्यूज 24.इन

पहले दिन की सफलता के बाद, मीमांसा महोत्सव 2025 के दूसरे दिन भी साहित्यिक सत्रों, कार्यशालाओं और कलात्मक अन्वेषणों की श्रृंखला के साथ दर्शकों को आकर्षित किया गया। यहाँ विस्तृत मुख्य अंश दिए गए हैं:

  • भाषण प्रतियोगिता (वरिष्ठ)
    कक्षा 8-10 और 11-12 के वरिष्ठ प्रतिभागियों ने अपने वक्तृत्व कौशल का प्रदर्शन किया और असाधारण वाक्पटुता और रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए सम्मोहक भाषण दिए।
  • पुस्तक सत्र 1: मनोज कुमार शिव – गीत गाते अक्षर
    मनोज कुमार शिव की पुस्तक गीत गाते अक्षर का संचालन वीणा सूद ने किया, जिसमें शब्दों और संगीत के माध्यम से गीतात्मक कहानी कहने का मिश्रण पेश किया गया, जो युवा मन को भा गया। उनके साथ शामिल होने वाले युवा पाठक अरिन, मुस्कान भारद्वाज, मनीषा शर्मा और कमल थे। • कहानी सुनाना/लेखन कार्यशाला: डॉ. उषा बंदे
    डॉ. उषा बंदे ने कहानी सुनाने और लेखन पर एक आकर्षक कार्यशाला का नेतृत्व किया, जहाँ प्रतिभागियों ने सम्मोहक कथाएँ गढ़ने और अपने रचनात्मक लेखन कौशल को निखारने की तकनीकें सीखीं।
  • पुस्तक सत्र 2: हरिनी श्रीनिवासन – लवस्ट्रक एंड कन्फ्यूज्ड / द कर्स ऑफ अनुगंगा
    हरिनी श्रीनिवासन ने अपनी पुस्तकों लवस्ट्रक एंड कन्फ्यूज्ड और द कर्स ऑफ अनुगंगा का परिचय दिया, जो युवा प्रेम, रहस्य और रोमांच के विषयों पर आधारित हैं। इस सत्र की मॉडरेटर जसलीन गुलाटी थीं और युवा समीक्षक दीया चंदेल, आहना चंदेल, स्वाति ठाकुर, रुद्र लौल थे।
  • पुस्तक सत्र 3: सोनिया डोगरा – ब्लूमिंग क्विल्स / बचपन के रंग, बड़ों के संग
    सोनिया डोगरा ने ब्लूमिंग क्विल्स – बच्चों की 51 लघु कहानियाँ और बचपन के रंग, बड़ों के संग – बाल कहानियाँ नामक कृतियों के सत्र का संचालन किया, जिसमें बचपन की खुशियों और अंग्रेजी और हिंदी दोनों में लेखन की रंगीन दुनिया की खोज की गई। ये दोनों शीर्षक कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा निर्मित हैं, जिन्हें पिछले साल दिसंबर में प्रशंसित लेखिका शोभा थरूर श्रीनिवासन द्वारा जारी किया गया था। युवा चर्चाकारों के रूप में उनके साथ ध्रुव प्रथम, शिवानी चौहान, वेदांश वर्मा और गौरांगी और पुस्तकों की संपादक वंदना भागरा शामिल थीं।
  • शब्द खेल प्रतियोगिता: आलोक सिंह
    आलोक सिंह ने एक रोमांचक शब्द खेल प्रतियोगिता की मेजबानी की, जिसने प्रतिभागियों को भाषा के साथ रचनात्मक रूप से सोचने और शब्दों की मस्ती और शक्ति की खोज करने के लिए प्रोत्साहित किया। कल के सत्र में तीन-तीन छात्रों की तेरह टीमों ने कहानी बनाने और सुनाने का तरीका सीखा, आज उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लिया।
  • कविता सत्र: प्रो. मीनाक्षी एफ. पॉल

प्रो. मीनाक्षी एफ. पॉल ने काव्यात्मक अभिव्यक्ति की बारीकियों और सार्थक कविता गढ़ने की कला में डूबकर एक काव्य यात्रा से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। युवा कवियों ने अपनी कविताएँ साझा कीं और कविता लिखने की बारीकियाँ सीखीं।

  • कला कार्यशाला: प्रिया कुरियन (दिन का मुख्य आकर्षण)

दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण, प्रिया कुरियन ने एक व्यावहारिक कला कार्यशाला आयोजित की, जिसमें कलात्मक अभिव्यक्ति की अपनी गहरी समझ और दृश्य कहानी कहने की नवीन तकनीकों से उपस्थित लोगों को प्रेरित किया।

  • ऑडियो-वीडियो कथन: सोहेला कपूर – आनंद ही आनंद

इस उत्सव का समापन सोहेला कपूर द्वारा एक अनूठे ऑडियो-वीडियो कथन सत्र के साथ हुआ, जिसमें आनंद ही आनंद प्रस्तुत किया गया, जो एक रचनात्मक और मनोरंजक कहानी कहने का अनुभव था।

दूसरा दिन साहित्य, कला और रचनात्मकता का समृद्ध मिश्रण था, जिसने सभी उपस्थित लोगों पर अमिट छाप छोड़ी तथा आने वाले दिनों में और अधिक रोमांचक सत्रों के लिए मंच तैयार किया।