वरूथिनी एकादशी व्रत आज

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देवभूमि न्यूज 24.इन


एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चन करने का विधान है। साथ ही प्रभु की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत भी किया जाता जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर वरूथिनी एकादशी व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

वरूथिनी एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 अप्रैल को शाम 04 बजकर 43 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 24 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर तिथि खत्म होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय तिथि का अधिक महत्व है। इस प्रकार से 24 अप्रैल को वरूथिनी एकादशी मनाई जाएगी।

वरूथिनी एकादशी का पारण टाइम

एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है। वरूथिनी एकादशी का व्रत का पारण 25 अप्रैल को किया जाएगा। इस दिन व्रत पारण का टाइम सुबह 05 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक है। व्रत का पारण करने के बाद विशेष चीजों का दान भी जरूर करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, द्वादशी तिथि दान करने से एकादशी व्रत का पूरा फल मिलता है।

वरूथिनी एकादशी की पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
सूर्य देव को अर्घ्य दें।
एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति को स्थापित करें।
अब गंगाजल व पंचामृत से अभिषेक करें।
तिलक लगाएं और पीले फूल अर्पित करें।
देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें।
मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें।
एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
फल और मिठाई का चीजों का भोग लगाएं।
आखिरी लोगों में प्रसाद बाटें।

वरूथिनी एकादशी शुभ योग

इस बार वरूथिनी एकादशी पर ब्रह्म और इन्द्र योग का संयोग बन रहा है साथ ही, शिववास योग भी बन रहा है। इसके अलावा वरूथिनी एकादशी पर शतभिषा और पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का संयोग है। माना जाता है इन योगों में भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा करने से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

वरूथिनी एकादशी पर राशि अनुसार करें इन मंत्रों का जाप

आप इस दिन राशि के अनुसार मंत्रों का जाप कर लेते हैं तो इस व्रत का फल दोगुना मिल सकता है…

मेष – ॐ वासुदेवाय स्वाहा
वृषभ – ॐ देवाय स्वाहा
मिथुन – ॐ राधिकेशाय स्वाहा
कर्क – ॐ अजाय स्वाहा
सिंह – ॐ प्रशान्ताय स्वाहा
कन्या – ॐ सुखिने स्वाहा
तुला – ॐ प्रतापिने स्वाहा
वृश्चिक – ॐ यदवे स्वाहा
धनु – ॐ विष्णवे स्वाहा
मकर – ॐ शुभांगाय स्वाहा
कुंभ – ॐ दयालवे स्वाहा
मीन – ॐ गोपाय स्वाहा

राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9116089175