देवभूमि न्यूज नेटवर्क
हिमाचल प्रदेश
शिमला
देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने वीरवार को छोटा शिमला में पांच घंटे तक चक्का जाम किया। इस दौरान आवाजाही ठप रहने से हजारों लोग परेशान हुए। अंतरजातीय विवाह की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का विरोध करते हुए संगठन के कार्यकर्ताओं ने सड़क के बीच बैठकर नारेबाजी की। सवर्ण आयोग के गठन की मांग भी उठाई। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को मौके पर बुलाने के लिए प्रदशर्नकारी अड़े रहे।
रोते और बिलखते रहे बच्चे
दोपहर साढ़े 12 बजे से शुरू हुआ चक्का जाम शाम साढ़े पांच बजे तक जारी रहा। छोटा शिमला में सचिवालय के समीप हुए चक्का जाम के चलते पूरे शहर में ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई रही। टैक्सियों और स्कूल बसाें में फंसे बच्चे परिजनों को याद करते हुए रोते और बिलखते भी रहे। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने स्कूल बसों को जाने नहीं दिया। प्रदर्शनकारियों के चलते हुए ठप ट्रैफिक व्यवस्था के साथ पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मूकदर्शक नजर आए।

इससे पहले वीरवार दोपहर 12 बजे टाॅलैंड में एकत्र हुए संगठन के कार्यकर्ताओं ने छोटा शिमला तक रैली निकाली। साढ़े 12 बजे प्रदर्शनकारी पुलिस थाना छोटा शिमला के आगे सड़क पर धरना देकर बैठ गए। प्रदेश सरकार की ओर से हाल ही में बढ़ाई गई अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि के फैसले को वापस लेने की मांग को लेकर संगठन ने प्रदर्शन किया। संगठन के अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर के नेतृत्व में यह धरना-प्रदर्शन हुआ।
सीएम ने मांगे थे छह माह, अब तो दो साल हो गए
इस अवसर पर रुमित ने कहा कि सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर मुख्यमंत्री ने 6 महीने का समय मांगा था, लेकिन अब 2 साल हो गए हैं। देश में जब जाति, धर्म के नाम पर राजनीति की जाती है तो सवर्ण आयोग का भी गठन कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरजातीय विवाह की प्रोत्साहन राशि को बढ़ाना सही नहीं है।