✍🏻 गाँव के बच्चो का जीवन प्रकृति के साथ सबध

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देवभूमि न्यूज 24.इन

गाँव के बच्चो का जीवन सरल और प्राकृतिक के निकट होता है। वे खुले मैदानों में व खेतों में जगलों में खेलते रहते है।जिससे उन्हें शारीरिक गतिविधि और प्राकृतिक के साथ जुडाव का अनुभव होता है।

सामाजिक जीवन
गाँव के बच्चो का जीवन सामाजिक होता है। वे अपने परिवार के साथ -साथ मिलकर रहते है।और गाँव के अन्य बच्चो के साथ खेलते है। और काम करते है।

रचनात्मकता और स्वालंबन
गाँव के बच्चो अपने खिलौने बनाने और अपनी चीजे करने की अधिक स्वतत्रता मिलती है। वे अपने परिवार के काम में भी हाथ बटाते है। जिससे उन्हें स्वावलंबनऔर ज़िमेदारी का अनुभव होता है।
शिक्षा
गाँव के बच्चो को शिक्षा प्राप्त करने में कुछ काठीनाइया हो सकती है। जैसे की स्कूल तक पहुँच और शिक्षा की ससाधनों की कमी
आर्थिक स्थिति
गाँव के बच्चो के परिवार की आर्थिक स्थिती भी उनकी जीवनशेली को प्रभावित कर सकती है। जैसे की उनके खाने,कपड़े और रहने की स्थिति स्वास्थ्य
गाँव के बच्चो का स्वास्थ्य शहरी बच्चो की तुलना में बहेतर हो सकता है। जब कि वे अधिक शारीरिक गतिविधि करते है। और स्वस्थ भोजन खाते है। निष्कर्ष
गाँव के बच्चो का जीवन सरल लेकिन समुद्र होता है।वे प्रकृति के साथ जुड़ते है। सामाजिक जीवन जीते है। और रचनात्मक होते है। हालाँकि उन्हें शिक्षा और आर्थिक विकास में कुछ चूनौतिया का सामना करना पड़ सकता है।

रॉयल चौहान रघुवीर सिंह कौली