सभी को डराने वाले, अपनी पत्नि के अलावा इन 5 से डरते हैं शनिदेव, नाम लेने पर ही खत्म हो जाता है शनि का प्रभाव

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✍️देवभूमि न्यूज 24.इन
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⭕शनिदेव के बारे में तो हम सभी जानते हैं कि उनकी दृष्टि राजा को रंक तो रंक को राजा बना देती है. शनिदेव हमेशा कर्मों के आधार पर ही फल देते हैं इसलिए भगवान शिव ने नवग्रहों में शनिदेव को न्याय का देवता बनाया है. अगर कर्म अच्छे होंगे तो शनिदेव अच्छा फल देंगे और कर्म खराब होंगे तो शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है. शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कलियुग में इतना ज्यादा है कि ज्यादातर लोग इनसे डरते हैं. लेकिन क्या आपको पता है सभी को डराने वाले शनिदेव अपनी पत्नी से डरते हैं और ना केवल शनिदेव अपनी पत्नि से डरते हैं बल्कि ऐसे 4 देवता और हैं, जिनसे शनिदेव डरते हैं. इनका नाम लेने भर से शनि के अशुभ प्रभाव में कमी आती है और शनिदेव भी आशीर्वाद देते हैं. आइए आज हम आपको बताते हैं कि शनिदेव किन देवी देवताओं से डरते हैं…

🪔पिता की पूजा करने वालों से दूर रहते हैं शनिदेव
न्याय के देवता शनि के पिता ग्रहों के राजा सूर्य हैं इसलिए शनिदेव को सूर्यपुत्र भी कहा जाता है. शनिदेव सूर्यदेव की दूसरी पत्नी छाया के पुत्र हैं और भद्रा के भाई हैं. एक बार क्रोध में आकर सूर्यदेव ने शनिदेव का घर जला दिया था. सूर्यदेव को मनाने के लिए शनिदेव ने काले तिल से सूर्यदेव की पूजा की, जिससे वह काफी प्रसन्न हुए. सूर्यदेव की पूजा करने पर शनिदेव की महदाशा के अशुभ प्रभाव में कमी आती है.

🪔कृष्ण भक्तों से दूर रहते हैं शनिदेव
शनिदेव भगवान कृष्ण से भी डरते हैं इसलिए कृष्ण भक्तों पर शनि की कृदृष्टि का प्रभाव नहीं पड़ता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण की एक झलक पाने के लिए शनिदेव ने मथुरा के पास कोकिला वन में तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर कृष्णजी ने कोयल के रूप में शनिदेव को दर्शन दिए. तभी से शनिदेव ने कहा कि जो भी मेरे अराध्य भगवान कृष्ण का नाम भर लेता होगा, उन कृष्ण भक्तों को कभी परेशानी नहीं करेंगे.

🪔पीपल की पूजा से नहीं होता शनि का प्रभाव
पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनिदेव पीपल से भी डरते हैं इसलिए शनिवार के दिन पीपल की पूजा करने की मान्यता है. शनिवार के दिन पीपल को जल देकर सरसों का तेल जलाने वालों पर शनिदेव की कुदृष्टि नहीं पड़ती है. शास्त्रों में बताया गया है कि पिप्लाद मुनी का नाम लेने और पीपल की पूजा करने वालों पर शनिदेव की महादशा का अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा.

🪔हनुमानजी की पूजा से दूर होता है शनिदेव का प्रभाव
सूर्यपुत्र शनिदेव पवनपुत्र हनुमानजी से भी डरते हैं. जो लोग हनुमानजी की पूजा अर्चना करते हैं और हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करते हैं, उन पर शनिदेव की महादशा का प्रभाव नहीं पड़ता है और सभी दोष भी दूर हो जाते हैं. शनिदेव ने स्वयं कहा है कि जो भी भक्त हनुमानजी की पूजा अर्चना करेगा, उन पर मेरी महादशा का प्रभाव नहीं पड़ेगा.

🪔महादेव के भक्तों को देखते भी नही हैं शनिदेव
हनुमानजी के अलावा शनिदेव देवों के देव महादेव से भी डरते हैं. शनिदेव भगवान शिव को अपना गुरु मानते हैं इसलिए भगवान शिव के भक्तों पर शनिदेव की कृदृष्टि नहीं पड़ती है. साथ ही शिवजी ने ही सभी नवग्रहों में न्यायाधीश का दर्जा दिया था.

🪔शनिदेव की पत्नी चित्ररथ
भगवान शिव के अलावा शनिदेव को अपनी पत्नी चित्ररथ से भी डर लगता है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शनिदेव की महादशा को खत्म करने के लिए शनि की पत्नी के नाम का मंत्र जपना बेहद फायदेमंद माना जाता है. ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव में कमी आती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक रात ऋतु स्नान करने के बाद पत्नी चित्ररथ संतान प्राप्ति की इच्छा से शनिदेव के पास पहुंची लेकिन शनिदेव भगवान कृष्ण के ध्यान में लीन थे. उनकी पत्नी इंतजार करते करते थक गई और ऋतकाल भी खत्म हो गया. इससे क्रोधित होकर शनिदेव को शाप दे दिया कि आज से आप जिसको देखेंगे, वह पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा. इसलिए शनिदेव अपनी नजरों को नीचे करके ही रखते हैं.
🚩#जय_शनिदेव🚩