देवभूमि न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली
वॉट्सऐप पर कोई फॉरवर्ड मेसेज अपने किसी जानकार को भी भेजना कितना घातक हो सकता है, इसका अंदाजा इस केस के बारे में जानकर लगाया जा सकता है। दरअसल एक पुजारी ने अपने जानकार को वॉट्सऐप पर एक मेसेज फॉरवर्ड किया था। जिसे मेसेज भेजा गया था, उसके धर्म के बारे में कुछ ऐसा लिखा था, जिससे उसकी धार्मिक भावनाएं आहत हो गई थीं। इस कारण उसने करावल नगर थाने में शिकायत दे दी थी, जिस पर पुलिस केस दर्ज कर पुजारी को गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि उसी साल दोनों पक्षों के बीच में समझौता हो गया था। हालांकि कोर्ट में इस केस को खत्म होने में करीब आठ साल लग गए। अब जाकर कड़कड़डूमा कोर्ट में दोनों का समझौता हो जाने के आधार पर यह केस खत्म हुआ।
दोनों का साथ उठना-बैठना था
पेश मामले के मुताबिक, 15 जून 2017 को करावल नगर थाने में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का केस दर्ज किया गया था।

यह केस करावल नगर के शिव विहार इलाके में रहने वाले मोहम्मद हसीन की शिकायत पर हुआ था। आरोप था कि उनके एक जानकार सतीश तिवारी जो पास के एक मंदिर में पुजारी हैं, दोनों का साथ उठना बैठना है। सतीश ने उन्हें 13 जून को वॉट्सऐप पर एक मेसेज भेजा था जिसमें उनके धर्म के बारे में एक अभद्र मेसेज भेजा था, जिससे उनक धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। सबूत के तौर पर मेसेज को दिखाया गया।
पुजारी को जेल की हवा खानी पड़ी
करावल नगर पुलिस ने मामले में आईपीसी 295ए (धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने) के तहत केस दर्ज कर पुजारी को गिरफ्तार किया। पुजारी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। पुजारी सात दिन जेल में रहे और फिर उन्हें जमानत मिल गई। कुछ समय बाद ही दोनों पक्षों में भाईचारा बनाए रखने के लिए समझौता हो गया। मगर मामले में चार्जशीट फाइल हुई। ट्रायल शुरू नहीं हुआ। मगर फिर भी अब जाकर दोनों के समझौते के आधार कोर्ट में यह केस खत्म हुआ।