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🌝पूर्णिमा मई 2025: वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं क्योंकि इसी दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. इसके अलावा इस पूर्णिमा को सिद्ध विनायक पूर्णिमा या सत्य विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.
वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. वहीं धन प्राप्ति के लिए पूर्णिमा की रात को मां लक्ष्मी की पूजा करना बहुत लाभ देता है. वहीं वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान-दान और श्रीहरि की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है, सारे पाप नष्ट होते हैं.
🌕वैशाख पूर्णिमा 2025
वैदिक पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा तिथि 11 मई दिन रविवार को रात 8 बजकर 2 मिनट पर शुरू होगी और 12 मई सोमवार को रात 10 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में स्नान-दान और व्रत रखने के लिए 12 मई का दिन ही सर्वश्रेष्ठ होगा. वहीं 12 मई को वैशाख पूर्णिमा का चंद्रोदय शाम को 6 बजकर 57 मिनट पर होगा.
इस दौरान गुरु वृषभ राशि, शनि मीन में और सूर्य मेष राशि में संचरण करेंगे. इसके 2 दिन बाद ही गुरु गोचर करके मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और वृषभ राशि में सूर्य का गोचर होगा. पूर्णिमा पर ग्रहों की यह स्थिति शुभ फलदायी रहेगी.
⚜️वैशाख पूर्णिमा दान- स्नान मुहूर्त
वैशाख पूर्णिमा का स्नान ब्रह्म मुहूर्त में करना शुभ फलदायी माना जाता है. इस साल वैशाख पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का शुभ मुहूर्त तड़के सुबह 04:09 बजे से 04:50 तक है. इस समय में पवित्र नदियों में स्नान करें या घर पर गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करें. वैशाख पूर्णिमा व्रत रखें. भगवान विष्णु की पूजा करें और पूजा के बाद दान अवश्य करें.
वैशाख पूर्णिमा पर पूजा का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है. इस बीच में पूजा- अर्चना करना बेहद शुभ रहेगा.
🪔मिलेगा अक्षय पुण्य
धर्म-शास्त्रों में वैशाख पूर्णिमा के दिन की अपार महिमा बताई गई है. वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान करने और फिर अनाज, कपड़े, जूते, ठंडे पेय पदार्थों, रसीले फलों का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही वैशाख पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है.
*🚩हरिऊँ🚩*