नौतपा 2025: 25 मई से शुरू होगा नौतपा, जानें कितने दिन तक झेलना पड़ेगा गर्मी का सितम, ये उपायदेंगे राहत

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देवभूमि न्यूज 24.इन


🌞नौतपा 9 दिन की वह अवधि होती है जब धरती का तापमान सबसे अधिक होता है। अबकी बार नौतपा 25 मई शुरू होगा और 8 जून को समाप्‍त होगा। जिसमें से शुरू की 9 दिन की अवधि में सूरज की गर्मी झुलसा देने वाली होगी। जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो नौतपा की शुरुआत होती है और जब मृगशिरा नक्षत्र में आ जाता है तो नौतपा समाप्‍त होता है। ज्‍येष्‍ठ मास के इन 9 दिनों में भीषण गर्मी पड़ती है। इन 9 दिनों में लोगों को अपना और परिवार के सदस्यों का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए। जानकारों की मानें तो ये 9 दिन की अवधि में धरती सूर्य की ऊष्‍मा को अव‍शोशित करके बारिश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती है। आइए आपको बताते हैं नौतपा का ज्‍योतिष से क्‍या संबंध है और इन 9 दिनों में आपके लिए कौन से उपाय करना होगा सबसे बेहतर।

☀️नौतपा की तिथि कब से कब तक है
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नवग्रहों के राजा सूर्य 25 मई को सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। 15 दिन तक इस नक्षत्र में रहने के बाद सूर्य 8 जून को मृगशिरा नक्षत्र में चल जाएंगे। यानी कि कुल 15 दिन की यह अवधि धरती को झुलसा देने वाली होगी। रोहिणी नक्षत्र में आकर सूर्य की सक्रियता बढ़ जाती है। यही कारण है कि नौतपा की अवधि में सूर्य की तपिश में और इजाफा हो जाता है।

☀️नौतपा का ज्‍योतिष से संबंध
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ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है, तो गर्मी और बढ़ जाती है। दरअसल रोहिणी नक्षत्र के स्वामी शुक्र ग्रह हैं। शुक्र को सूर्य का शत्रु माना जाता है, इसलिए सूर्य और शुक्र के एक साथ आने से गर्मी ज्यादा होती है। साथ ही नौतपा की अवधि में सूर्य पृथ्‍वी के सबसे करीब होता है। इस अवधि में इसलिए सबसे तेज गर्मी पड़ती है। सूर्य की किरणें धरती पर सीधी पड़ती हैं।

☀️नौतपा से जुड़े ज्‍योतिषीय उपाय
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  • नौतपा की अवधि में सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए। सुबह उठकर स्नान करें और फिर सूर्य देव को जल चढ़ाएं। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
  • नौतपा के दौरान आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना बहुत फायदेमंद होता है, इससे मानसिक शक्ति बढ़ती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। यह पाठ मन को शांत करता है और मुश्किलों का सामना करने की ताकत देता है।
  • नौतपा के दौरान कोई आपके दरवाजे पर कुछ मांगने आए, तो उसे खाली हाथ न जाने दें। अपनी क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ दान जरूर करें। ऐसा करने से आपको शुभ फल मिलेगा।
  • नौतपा के दौरान कुछ चीजों से परहेज करना भी जरूरी है। जैसे लहसुन, बैंगन और नॉनवेज। अपनी डाइट में पानी और फल अधिक से अधिक शामिल करें।
  • नौतपा में प्यासे लोगों को पानी पिलाना बहुत अच्छा काम है। इससे पुण्य मिलता है। आप राहगीरों के लिए प्याऊ भी लगवा सकते हैं। इससे आपको शुभ फल मिलेंगे।

☀️नौतपा इन 5 चीजों का करें
दान- नौतपा के 9 दिनों में जरूरतमंद लोगों के लिए दान पुण्‍य करने से आपको महापुण्‍य की प्राप्ति होती है। दरअसल नौतपा की यह अवधि ज्‍येष्‍ठ मास में पड़ती है और शास्‍त्रों में ज्‍येष्‍ठ मास का दान महादान माना गया है। इस अवधि में आप जरूरतमंद लोगों को मौसमी फल, सत्‍तू, छाता, मटका, सूती वस्‍त्र और हाथ के पंखे का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होगी और आपको महापुण्‍य प्राप्‍त होगा।

     *☀️ ऊँ_सूर्याय_नम:☀️*