*देवभूमि न्यूज 24.इन*
🌞हर साल नौतपा का समय केवल गर्मी का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का विशेष अवसर होता है। यह नौ दिन सूर्य के अधिकतम प्रभाव के माने जाते हैं, जब वह पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है और अपनी तेज़ किरणों से वातावरण में भारी परिवर्तन लाता है।
इसी कारण इसे न सिर्फ मौसम के बदलाव से जोड़ा जाता है बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
साल 2025 में नौतपा 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक चलेगा। मान्यता है कि इन दिनों सूर्यदेव की पूजा करने से जीवन में सफलता, सम्मान, ऊर्जा और विशेष रूप से आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है। यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में स्थिरता और उन्नति बनी रहे तो इन पवित्र दिनों में सूर्य को प्रसन्न करने के कुछ सरल और प्रभावशाली उपाय जरूर अपनाने चाहिए।
☀️सूर्य को अर्घ्य देना
नौतपा के दौरान प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके तांबे के लोटे में साफ जल भरें। उसमें लाल पुष्प, चावल (अक्षत) और मिश्री मिलाकर सूर्यदेव को पूर्व दिशा की ओर मुख करके अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय •’ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का उच्चारण करें। ऐसा करने से न केवल सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आत्मविश्वास और आर्थिक समृद्धि भी बढ़ती है। यह सरल उपाय आपके दिन की शुरुआत को भी ऊर्जा से भर देता है।
☀️आदित्य ह्रदय स्तोत्र या गायत्री मंत्र का पाठ
नौतपा के नौ दिनों में रोज़ाना आदित्य ह्रदय स्तोत्र या गायत्री मंत्र का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पाठ मानसिक शांति, आत्मबल और चिंताओं से मुक्ति देने वाला है। सूर्य को •’आत्मा का स्वामी’ कहा गया है, इसलिए सूर्य की स्तुति करने से न सिर्फ मानसिक मजबूती मिलती है, बल्कि नौकरी, व्यापार और निर्णय क्षमता में भी सुधार होता है।
☀️लाल वस्त्र, तांबा या गेहूं का दान
नौतपा के दौरान रविवार या किसी शुभ दिन जरूरतमंदों को लाल वस्त्र, गेहूं या तांबे की वस्तुएं दान करें। यह उपाय न केवल धार्मिक दृष्टि से पुण्य प्रदान करता है, बल्कि कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उनके लिए यह उपाय विशेष लाभकारी माना गया है। इससे आत्मविश्वास, मान-सम्मान और धन के नए स्रोत बनते हैं।
☀️सात्विक भोजन और उपवास
नौतपा की तपती गर्मी में हल्का और सात्विक भोजन शरीर के लिए भी आवश्यक है। इन दिनों मिर्च-मसाले और भारी भोजन से परहेज करें। सप्ताह में कम से कम एक दिन सूर्यदेव को समर्पित व्रत रखें और फलाहार करें। इससे शरीर शुद्ध होता है और मन भी एकाग्र रहता है, जिससे आध्यात्मिक ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। यह आपकी सेहत के साथ-साथ आपके कर्मों को भी शुद्ध करता है।
☀️सूर्य यंत्र की स्थापना
यदि संभव हो, तो घर के पूजा स्थल में सूर्य यंत्र की स्थापना करें। यंत्र के सामने प्रतिदिन दीपक जलाएं और सूर्य मंत्र का जप करें। सूर्य यंत्र सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र होता है और वास्तु दोष दूर करने में सहायक होता है। यह नकारात्मकता को हटाकर घर में सुख-शांति और धन-लाभ के द्वार खोलता है। यह उपाय विशेष रूप से व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए लाभकारी है।
*🚩हरिऊँ🚩*