“कांग्रेस राज में पढ़ाई नहीं, नारे ज़रूरी”: शिक्षा व्यवस्था पर एबीवीपी का तीखा प्रहार

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विद्या के मंदिर को राजनीतिक मंच बनाना कांग्रेस की नीच मानसिकता को दर्शाता है।- मनीष बिरसांटा
देवभूमि न्यूज 24.इन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कांग्रेस सरकार पर शिक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। प्रदेश सह मंत्री मनीष बिरसांटा ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता बच्चों की पढ़ाई नहीं, बल्कि अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना है।

मनीष बिरसांटा ने हाल ही में शिलाई में एक सरकारी विद्यालय में हुए कार्यक्रम का हवाला देते हुए बताया कि कांग्रेस के मंडल अध्यक्ष द्वारा स्कूली बच्चों से “कांग्रेस पार्टी ज़िंदाबाद” के नारे लगवाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। यह कृत्य न केवल शिक्षा की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि स्कूलों को राजनीतिक अखाड़ा बनाने की कांग्रेस की मंशा को भी उजागर करता है।

उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में घोषित 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में जिला सिरमौर के चाढ़ना गांव के सभी छात्र फेल हो गए हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि वहां वर्षों से नियमित शिक्षक नियुक्त नहीं किए गए। शिक्षकविहीन स्कूल बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल रहे हैं, और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रदेश सरकार से अध्यापकों के रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग उठाई गई थी लेकिन फिर भी प्रदेश सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।

बार बार विद्यार्थी परिषद द्वारा अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष मांग रखी थी लेकिन फिर भी अध्यापकों की नियुक्ति न होना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

एबीवीपी का मानना है कि शिक्षा व्यवस्था किसी भी समाज की रीढ़ होती है, और उसमें लापरवाही अक्षम्य है। यदि सरकार समय रहते शिक्षक नियुक्त नहीं कर पाती और स्कूलों को राजनीति से मुक्त नहीं करती, तो एबीवीपी आंदोलन करने को बाध्य होगी।

प्रदेश सह मंत्री मनीष बिरसांटा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शिक्षा को प्राथमिकता नहीं दी, तो एबीवीपी सड़क से विधानसभा तक संघर्ष करेगी