देवभूमि न्यूज 24.इन
प्वाइंट नंबर-1- सेना के मनोबल की स्थिति
पाकिस्तान की 25 प्रतिशत और पाकिस्तानी एयरफोर्स की 50 प्रतिशत ताकत नष्ट कर दी गई थी, फिर जीत रही आर्मी के हाथ बांधने से क्या सेना का हौसला पस्त नहीं होगा ? क्या सेना के मन में ये भाव नहीं आएगा कि हम जीत तो जाएंगे लेकिन फिर सीजफायर हो गया तो ?
प्वाइंट नंबर-2 – भारत की संप्रभुता पर आघात
युद्धविराम का ट्वीट पहले ट्रंप ने किया, फिर अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने, फिर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ईशाक डार ने और फिर एक जयशंकर ने ट्वीट किया । क्या इससे ये साबित नहीं होता कि मोदी सरकार ट्रंप के सामने झुक गई । क्या इसे देश के अंदरूनी मामले में विदेशी शक्तियों के दखल यानी संप्रभुता का उल्लंघन नहीं माना जाना चाहिए ।
प्वाइंट नंबर-3- तराइन के पहले युद्ध जैसी घटना
तराइन के पहले युद्ध में मुहम्मद गोरी को पृथ्वीराज चौहान ने जलील करके हराया था इसके बाद गोरी दस गुना ताकत लेकर आया और पृथ्वीराज को हरा दिया क्या मोदी जी ने फिर पृथ्वीराज वाली गलती नहीं दोहरा दी ।
प्वाइंट नंबर-4- क्या हमने युद्ध का लक्ष्य हासिल किया
लक्ष्य ये था कि पाकिस्तान को नियंत्रित किया जाए लेकिन पाकिस्तान तो युद्धविराम लागू होने के बाद भी लगातार हमले कर रहा है । यानी हम अपना टारगेट हासिल किए बिना ही युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं ।

प्वाइंट नंबर-5- टेबल पर हारने का दाग
ये तो मानना ही पड़ेगा कि जब भारत गरीब था और हथियार भी कम थे तब भी इंदिरा गांधी ने दबाव में झुकने से इनकार कर दिया था । लेकिन टेबल पर इंदिरा हार गई थी । क्या अब इतने शक्ति संपन्न होेने के बाद भी मोदी पर ये आरोप नहीं लगेगा कि वो टेबल पर हार गए ?
प्वाइंट नंबर- 6- बलूचिस्तान के साथ भी धोखा हो गया
बलूचिस्तान एक एक दिन में 40-40 हमले कर रहा था । अब खैबर और बलूचिस्तान के विद्रोहियों पर पाकिस्तान कहर बनकर टूटेगा ।
प्वाइंट नंबर-7- बार बार समर्थकों को निराश करना
किसान बिल, जाति जनगणना और अब युद्ध विराम, ये बीजेपी समर्थकों के लिए क्या शर्मिंदगी का सबब नहीं बन गया है ।
प्वाइंट नंबर-8- क्या पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत होगा
बिलकुल नहीं पाकिस्तानी सेना युद्ध करेगी क्योंकि सिंधु जल संधि को बहाल नहीं किया गया है ।