*देवभूमि न्यूज 24.इन*
⭕वैदिक पंचांग के अनुसार, शुक्रवार 30 मई को विनायक चतुर्थी का व्रत और पूजन है. वैसे तो ये व्रत प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है लेकिन इस बार रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग के मिलाप से ये व्रत और भी फलकारी माना जा रहा है.
ये व्रत भगवान गणेश को समर्पित है जो भी भक्ति भाव से भगवान विनायक की पूजा और व्रत करता है उसके जीवन से सभी बाधाएं मिट जाती हैं. भगवान गणेण देवों में प्रथम पूज्य है. ये भक्तों के विध्न हर लेते हैं यही कारण है कि इन्हें विध्नहर्ता की संज्ञा दी जाती है. ये व्रत चतुर्थी के दिन रखा जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा से पुण्य प्राप्ति होती है.
ज्योतिष के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर इस बार कई मंगलकारी योग बन रहे हैं. जानते हैं कौन से हैं वो शुभ मुहूर्त और योग.
⚜️विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2025
卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐
🚩ब्रह्म मुहूर्त– 4 बजकर 3 मिनट- 4 बजकर 43 मिनट
🚩विजय मुहूर्त– दोपहर 2 बजकर 37 मिनट- 3 बजकर 32 मिनट
🚩गोधूलि मुहूर्त– शाम 7 बजकर 12 मिनट- 7 बजकर 33 मिनट
🚩निशिता मुहूर्त– रात 11 बजकर 58 मिनट- 12 बजकर 39 मिनट तक

⚜️विनायक चतुर्थी शुभ योग 2025
卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 29 मई को देर रात 11 बजकर 18 मिनट पर शुरू होकर 30 मई रात 9 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी.
⚜️वृद्धि योग
卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐
विनायक चतुर्थी पर वृद्धि योग दोपहर 12 बजकर 58 मिनट से रहेगा.
⚜️सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग
卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐
इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का शुभ संयोग सुबह 5 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 29 मिनट तक रहेगा.
⚜️भद्रावास योग
卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐
वहीं इस दिन एक और योग का निर्माण भी हो रहा है जो है भद्रावास योग. ये शुभ योग का सुबह 10 बजकर 14 मिनट से दोपहर 3 बजकर 42 मिनट तक होगा. इन शुभ योग में पूजा पाठ अत्याधिक फल देने वाला माना जाता है.
🚩ऊँश्रीगणेशाय_नम:🚩