देवभूमि न्यूज 24.इन
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विमल नेगी के मामले की सीबीआई जांच से सरकार हडक़ंप मचा है। सबके हाथ पांव फूल गए हैं। भ्रष्टाचार उजागर होने के डर से सबकी नींद उड़ी हुई है। सरकार जानबूझकर विमल नेगी के मौत की जांच सीबीआई से नहीं करवाना चाहती। इसी कारण सीबीआई की जांच रुकवाने के लिए शिमला पुलिस अधीक्षक द्वारा न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल करवाई गई है। जब इस पुनर्विचार याचिका में एडवोकेट जनरल की सहमति है, तो इसका मतलब है कि सरकार की भी सहमति हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह कहते हैं कि अगर विमल नेगी परिजन उनके पास आकर सीबीआई जांच की मांग करते, तो वह स्वत: मामला सीबीआई को दे देते,

दूसरी तरफ जांच न होने पाए, उसके लिए साजिशें कर रह हैं। हाई कोर्ट द्वारा सुक्खू सरकार और हिमाचल पुलिस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद भी मामला सीबीआई को नहीं सौंपने दिया जा रहा है। सरकार किसी न किसी प्रकार से अड़ंगा लगाकर जांच को रुकवाना या जांच में देरी करवाना चाह रही है।
पुलिस द्वारा अहम सबूत मिटाने और पेनड्राइव फॉर्मेट करने का कारनामा पूरे देश ने देखा है। न्यायालय ने निष्पक्ष और नैसर्गिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए ही यह भी कहा था कि पूरे प्रकरण की जांच में सीबीआई का एक भी अधिकारी हिमाचल से संबंधित नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि वह सीबीआई जांच होने दें और अड़ंगा लगाने के बजाय सहयोग करें।