शिलाई क्षेत्र का द्राबिल गांव: एक प्रेरणा स्रोत-हेमराज राणा

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देवभूमि न्यूज नेटवर्क
हिमाचल प्रदेश-सिरमौर
कार्तिकेय तोमर-शिलाई

जिला सिरमौर के उपमंडल शिलाई का द्राबिल गांव अपनी बुनियादी सुविधाओं और सामाजिक प्रगति के लिए जाना जाता है। इस गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण की व्यवस्था बहुत अच्छी है। यहां के लोगों ने कड़ी मेहनत से अपने जीवन में सफलता प्राप्त की है और विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं।

प्रतिभाओं की खान
द्राबिल गांव से कई प्रतिभाएं निकली हैं जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है। इनमें डॉ. बाबू राम शर्मा, जो साउथ कोरिया में वैज्ञानिक हैं, और अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी सुषमा शर्मा शामिल हैं। इसके अलावा, गांव के कई लोग प्रशासनिक और सैन्य सेवाओं में भी कार्यरत हैं।
कुलदेवता महासू महाराज का मंदिर
द्राबिल गांव में स्थित कुलदेवता महासू महाराज का मंदिर बहुत ही सुंदर और भव्य है। यह मंदिर गांव के लोगों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। हर वर्ष बसंत पंचमी के अवसर पर गांव में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है और पारंपरिक लोक नृत्य और वेशभूषा का आयोजन किया जाता है।

संस्कृति और परंपरा
द्राबिल गांव की संस्कृति और परंपरा बहुत ही समृद्ध है। दीपावली के अवसर पर गांव के मंदिर प्रांगण में पारंपरिक लोक नृत्य और वाद्ययंत्रों के साथ स्थानीय भाषा में लोक संस्कृति का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है।

प्रेरणा का स्रोत
द्राबिल गांव की कहानी अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यहां के लोगों की कड़ी मेहनत और संघर्ष की कहानी दूसरों को भी प्रेरित कर सकती है।