*देवभूमि न्यूज 24.इन*
⭕निर्जला एकादशी में पानी के नियम: निर्जला एकादशी व्रत दो दिन 6 जून और 7 जून को है. निर्जला एकादशी व्रत के नियम बहुत ही कठिन हैं. इस व्रत में पानी पीना चाहिए या नहीं? निर्जला एकादशी व्रत में पानी कब पीना चाहिए? निर्जला एकादशी व्रत का समय क्या है? जानिये इन सभी सवालों का जवाब–
- 1. निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून और 7 जून को है.
- 2. निर्जला एकादशी यानि कि वह एकादशी व्रत, जो बिना जल का हो.
- 3. यह एक मात्र ऐसी एकादशी है, जिसमें अन्न-जल ग्रहण करना वर्जित है.
इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून और 7 जून को है. 6 जून को गृहस्थ लोग निर्जला एकादशी व्रत रखेंगे, जबकि 7 जून को वैष्णव जन निर्जला एकादशी व्रत रहेंगे. काफी लोग यह जानना चाहते हैं कि निर्जला एकादशी व्रत में पानी पीना चाहिए या नहीं? निर्जला एकादशी में पानी कब पी सकते हैं? पहले सवाल का जवाब इस व्रत के नाम में ही छिपा है. निर्जला एकादशी यानि कि वह एकादशी व्रत, जो बिना जल का हो. यह साल की एक मात्र ऐसी एकादशी व्रत है, जिसमें अन्न और जल को ग्रहण करना वर्जित है. इस वजह से यह सभी 24 एकादशी व्रतों में सबसे कठिन एकादशी व्रत है.

🪔निर्जला एकादशी पर पानी पीने से क्या होगा?
यदि आप निर्जला एकादशी व्रत रखते हैं और गलती से भी पानी पी लेते हैं तो आपको व्रत टूट जाएगा और वह निष्फल हो जाएगा. हमेशा भूख से व्याकुल रहने वाले पांच पांडवों में से भीमसेन ने भी निर्जला एकादशी का व्रत किया था. इस वजह से इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी के दिन संयम और नियमपूवर्क व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. जो व्यक्ति अपने पूरे जीवन में कोई व्रत नहीं रखता है, उसके एक बार निर्जला एकादशी का व्रत अन्न और जल का त्याग करके करना चाहिए. इससे उसे जीवन के अंत में स्वर्ग की प्राप्ति होगी.
🪔निर्जला एकादशी में केवल 2 बार करते हैं जल का उपयोग
भीमसेन ने महर्षि वेद व्यास से निर्जला एकादशी के व्रत के बारे में पूछा था. इस पर उन्होंने बताया था कि इस व्रत में जल ग्रहण नहीं करते हैं. लेकिन निर्जला एकादशी के व्रत में केवल 2 बार जल का उपयोग करने की अनुमति है. जब आप निर्जला एकादशी को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करेंगे, तब पहली बार जल का उपयोग करेंगे. फिर उसके बाद जब आप निर्जला एकादशी व्रत के संकल्प के लिए आचमन करेंगे, तब दूसरी बार जल का उपयोग करेंगे. स्नान और आचमन के अलावा जल का उपयोग नहीं करते हैं.
वेद व्यास जी ने भीमसेन को बताया था कि निर्जला एकादशी व्रत में आचमन के लिए छ: मासे से ज्यादा पानी नहीं होना चाहिए. इस दिन अन्न, फल, जूस आदि भी वर्जित होता है. यदि आप इन वस्तुओं का सेवन करते हैं तो निर्जला एकादशी का व्रत टूट जाएगा.
🪔निर्जला एकादशी में कब पिएं पानी?
निर्जला व्रत में अक्सर लोग दूसरे दिन सूर्योदय के बाद पानी पी लेते हैं. लेकिन निर्जला एकादशी के व्रत में ऐसा करने से आपका व्रत भंग हो जाएगा क्योंकि हरि वासर के समापन के बाद ही एकादशी व्रत में कुछ भी ग्रहण कर सकते हैं. इस साल निर्जला एकादशी के हरि वासर का समापन 7 जून को 11:25 ए एम पर होगा.
ऐसे में जो लोग 6 जून को निर्जला एकादशी का व्रत रखेंगे, वे 7 जून को 11:25 ए एम के बाद पानी पी सकते हैं. उससे पहले पानी पीने पर आपका व्रत टूट जाएगा. इस वजह से ऐसी गलती न करें. जिनको पारण के समय पानी पीना है, वे 7 जून को दोपहर 01:44 बजे के बाद पानी पी सकते हैं. गृहस्थों के लिए पारण का समय दोपहर में 01:44 पी एम से 04:31 पी एम के बीच है.
जो लोग 7 जून को निर्जला एकादशी वैष्णव व्रत रखेंगे, वे 8 जून को सूर्योदय के बाद पानी पी सकते हैं क्योंकि हरि वासर का समापन 7 जून को ही हो गया रहेगा. 8 जून को सूर्योदय का समय 05:23 ए एम पर है. वैष्णव के पारण का समय 05:23 ए एम से 07:17 ए एम के बीच है. द्वादशी तिथि का समापन 07:17 ए एम पर होगा. द्वादशी तिथि के समापन से पहले पारण कर लेना चाहिए.
*🚩हरिऊँ🚩*