निर्जला एकादशी 2025: कब और कैसे करें व्रत का पारण, ध्यान रखें सही समय-डॉ दीपक दुबे

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 *देवभूमि न्यूज 24.इन*

⭕वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी व्रत किया जाता है। सभी एकादशियों में इस एकादशी व्रत को बेहद कठिन माना जाता है क्योंकि इस व्रत में अन्न और जल का त्याग किया जाता है।

वैदिक पंचांग के मुताबिक, 06 जून 2025 को निर्जला एकादशी व्रत किया जाएगा। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

इस व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। इससे साधक को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। ऐसे में आइए जानते हैं निर्जला एकादशी व्रत का पारण करने का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में। कब करें निर्जला एकादशी व्रत का पारण?

⚜️निर्जला एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी के रूप में मनाई जाती है। इस बार यह व्रत 6 जून को किया जाएगा।

🚩ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत- 06 जून को देर रात 02 बजकर 15 मिनट पर

🚩ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का समापन- 07 जून को सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर

⚜️निर्जला एकादशी 2025 के व्रत पारण का समय

एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर करना चाहिए। ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत का पारण 7 जून को किया जाएगा। व्रत का पारण करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 44 मिनट से लेकर शाम 04 बजकर 31 मिनट तक है।

⚜️निर्जला एकादशी व्रत पारण की विधि

द्वादशी तिथि पर सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। मंदिर की सफाई करने के बाद पूजा की शुरुआत करें। देसी घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु की आरती करें। मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें। भगवान विष्णु को सात्विक भोजन का भोग लगाएं। प्रभु से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। आखिरी में लोगों में प्रसाद का वितरण करें और स्वयं प्रसाद को ग्रहण करें।

⚜️इन बातों का रखें विशेष ध्यान
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एकादशी व्रत पारण के भोग में सात्विक भोजन को शामिल करना चाहिए। भोग में लहसुन-प्याज का प्रयोग न करें।

⚜️करें इन चीजों का दान

दान न करने निर्जला एकादशी व्रत का पारण अधूरा माना जाता है, तो ऐसे में द्वादशी तिथि पर श्रद्धा अनुसार मंदिर या गरीब लोगों में अन्न, धन और कपड़े समेत आदि चीजों का दान करें। ऐसा माना जाता है कि दान करने से साधक को जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।

       *🚩हरिऊँ🚩*