*देवभूमि न्यूज 24.इन*
⭕शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है और विशेष रूप से शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित जातकों के लिए यह दिन बहुत महत्व रखता है। अगर आप शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं और जीवन की बाधाओं से मुक्ति चाहते हैं, तो शनिवार की सुबह आपको कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। ये सभी उपाय आपको सुबह स्नान करने के बाद करने चाहिए। अगर संभव हो सके तो ये उपाय करने के बाद आप अन्न जल ग्रहण करें। नीचे बताए गए ये 5 काम यदि आप शनिवार को सुबह उठते ही श्रद्धा और नियमपूर्वक करते हैं, तो शनि दोष दूर होते हैं और उन्नति के मार्ग खुलते हैं। आइए देखते हैं कौन से हैं ये 5 उपाय।
शनिवार को शनिदेव की पूजा करने का खास महत्व शास्त्रों में बताया गया है। इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए यदि आप कुछ खास उपाय करते हैं तो इसके परिणाम आपको बहुत शीघ्र ही मिलते हैं। खास तौर पर शनिवार के उपाय उन लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं जो लोग शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव की वजह से अपने जीवन में परेशानियों का सामना कर रहे हैं। शनिदेव को न्याय और कर्म का देवता माना गया है। अगर आप शनिवार को दान पुण्य और सेवा के कार्य करते हैं तो शनिदेव आपसे बहुज जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसके प्रभाव से आपके जीवन में आ रही बाधाएं, कष्ट और समस्याएं काफी हद तक कम हो जाती हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं ये अचूक उपाय।

⚜️1. शिव लिंग पर चढ़ाएं काला तिल मिश्रित जल
शनिवार को प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर काले तिल मिश्रित जल अर्पित करें। इसके साथ ही •“ॐ नमः शिवाय” और •“ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जप करते रहें। शनिवार का दिन न केवल शनिदेव की उपासना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दिन भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से यदि किसी जातक की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, या शनि दोष चल रहा हो, तो उसे शनिवार को भगवान शिव की पूजा अवश्य करनी चाहिए। यह उपाय शनि के प्रकोप को शांत करता है। शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैय्या से राहत मिलती है।
⚜️2. सरसों के तेल में मुंह देखकर दान करें
सरसों के तेल में अपना चेहरा देखकर उसे दान करना। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है जो शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, या शनि महादशा से पीड़ित हैं। शनिवार को सूर्योदय के बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। एक कटोरी या स्टील के पात्र में सरसों का तेल लें। उसमें अपना चेहरा देखें, इसे तेल में प्रतिबिंब देखना कहा जाता है। फिर यह तेल किसी जरूरतमंद, भिक्षु, या शनि मंदिर में रखे लोहे के पात्र में दान कर दें। इसके बाद •“ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का •108 बार जप करें।
⚜️3. जरूरतमंद को काली वस्तु दान करें
शनिवार की सुबह किसी गरीब, बुजुर्ग या अपंग व्यक्ति को काला कपड़ा, काले चने, सरसों का तेल, उड़द की दाल अथवा लोहे के बर्तन का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। यह शनि की कुप्रभावी स्थिति को काफी हद तक कम करता है और सौभाग्य में वृद्धि करता है। इस उपाय को करने से शनि महाराज आपसे प्रसन्न होते हैं। इसके प्रभाव से आपके कार्य में आ रही हर प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और आपके जीवन में उन्नति के योग फिर से बनने लग जाते हैं।
⚜️4. मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं
मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना। यह सरल लेकिन आध्यात्मिक रूप से अत्यंत शक्तिशाली उपाय माना गया है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या शनि महादशा से गुजर रहे हों। इस उपाय को करने से आपके ऊपर से क्रूर ग्रहों का असर कम होता है, विशेषकर शनि और राहु का प्रभाव। यह उपाय अकाल मृत्यु, रोग, मानसिक तनाव, और आर्थिक समस्याओं से राहत दिलाता है। शनिवार की सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। बिना नमक और मसाले का शुद्ध गेहूं का आटा लें। उसमें थोड़ा सा काला तिल या काली उड़द की दाल का चूर्ण मिला सकते हैं। छोटे-छोटे गोले बनाएं। इन्हें पास के जलाशय, नदी, तालाब या मछलियों वाले कुण्ड में जाकर मछलियों को खिलाएं।
⚜️5. काली चींटियों को आटा खिलाएं
शनिवार का दिन विशेष रूप से शनि देव को प्रसन्न करने के लिए होता है। इस दिन किया गया प्रत्येक पुण्य कार्य जीवन के कष्टों को दूर करने में सहायक होता है। ऐसा ही एक अत्यंत प्रभावशाली और सरल उपाय है, काली चींटियों को आटा खिलाना।
यह उपाय न केवल शनि की पीड़ा को शांत करता है, बल्कि अदृश्य रूप से भाग्य में भी सकारात्मक बदलाव लाता है। शनिवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। शुद्ध गेहूं का आटा लें और उसमें थोड़ा सा काला तिल या शक्कर मिला लें। इस मिश्रण की पतली लकीर या छोटी-छोटी गोलियां बनाकर उन स्थानों पर रखें जहां काली चींटियां अक्सर दिखती हों, जैसे घर के बाहर या बगीचे में। मन ही मन प्रार्थना करें कि यह भोजन उन जीवों के लिए समर्पित है। काली चींटियां शनि ग्रह से संबंधित मानी जाती हैं। इन्हें आटा खिलाने से शनि के दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या और प्रतिकूल दशा के प्रभाव में कमी आती है।
🚩ऊँशंशनिश्चराय_नम:🚩