*देवभूमि न्यूज 24.इन*
🪦सनातन धर्म में भगवान शिव को “आशुतोष” कहा गया है,अर्थात जो थोड़े से प्रयास, सच्चे भाव और निष्कलंक भक्ति से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। महादेव की कृपा यदि किसी पर हो जाए, तो उसके समस्त क्लेश, मानसिक तनाव, रोग, शोक, दुर्भाग्य और बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।
विशेष रूप से सोमवार का दिन भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। शिवपुराण, लिंगपुराण एवं स्कंदपुराण में ऐसे कई उपाय और विधियां वर्णित हैं, जिनके माध्यम से सोमवार को भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सकता है।
📿1. ब्रह्म मुहूर्त में जागकर शिव ध्यान करें
शिवपुराण में कहा गया है कि जो भक्त ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके पवित्र होकर भगवान शिव का ध्यान करता है, उसके पूर्व जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। ध्यान करते समय भगवान के त्रिनेत्र, गंगा-जटाजूट, चंद्रमा, और नीलकंठ स्वरूप का स्मरण करें। •”ॐ नमः शिवाय” मंत्र का उच्चारण करते हुए मौन साधना करें।

📿2. शिवलिंग पर पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें
पौराणिक मान्यता है कि शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शुद्ध जल) और फिर गंगाजल से अभिषेक करने से मन की शुद्धि होती है और शरीर के समस्त रोग दूर होते हैं। अभिषेक के साथ-साथ •”ॐ रुद्राय नमः”, •”ॐ नमः शिवाय” जैसे मंत्रों का जप करें।
*📿3. बिल्वपत्र, धतूरा, आक के फूल अर्पित करें
भगवान शिव को बिल्वपत्र, आक, धतूरा और भस्म अत्यंत प्रिय हैं। शिवपुराण के अनुसार, इन पवित्र वस्तुओं को अर्पित करने से जन्म-जन्मांतर के पाप समाप्त होते हैं। बिल्वपत्र तीन दलों वाला हो और कटा-फटा न हो। यह त्रिदेवों का प्रतीक माना जाता है।
📿4. सोमवार व्रत और शिव कथा का महत्व
मान्यता है कि जो भक्त सोमवार का व्रत करता है, उसे धन, संतति, आरोग्यता और शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन उपवास रखते हुए भगवान शिव की कथा का श्रवण और पाठ करना विशेष पुण्यदायक माना गया है। शाम को दीप जलाकर आरती करें और •”शिव चालीसा” या •”रुद्राष्टक” का पाठ करें।
📿5. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें
पुराणों में वर्णित महामृत्युंजय मंत्र का जाप सोमवार को विशेष फलदायी होता है:-
🚩”ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माఽमृतात्॥”
इस मंत्र का 108 बार जप करने से अकाल मृत्यु, रोग, भय, चिंता और मानसिक तनाव का नाश होता है। मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखें।
📿6. भगवान शिव में समर्पण ही सर्वोच्च उपाय है
शिवपुराण में कहा गया है यदि भक्त के पास पूजन सामग्री न भी हो, तो केवल भाव और समर्पण से भी भगवान प्रसन्न हो जाते हैं। जो भक्त सच्चे मन से शिव का स्मरण करता है, उसके जीवन की समस्त बाधाएं स्वयं शिव हर लेते हैं और उसे शांति, स्वास्थ्य और सौभाग्य का वरदान प्रदान करते हैं।
*♿ जय_महाकाल♿*