*देवभूमि न्यूज 24.इन*
📿आज हम आपको यूपी के एक ऐसे रहस्यमय धाम के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां माना जाता है कि अब तक कलयुग आया ही नहीं है. यहां घूमने वालों को सतयुग और द्वापर जैसा माहौल अनुभव होता है.
भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी के बीच अगर आप शांति, सुकून और अध्यात्म की तलाश में हैं, तो आपके लिए ये जगह किसी तपोभूमि से कम नहीं है. कहा जाता है कि यह वह स्थान है जहां अब तक कलयुग नहीं आया है. यहां का माहौल, प्रकृति और आध्यात्मिक ऊर्जा आज भी वैसी ही है जैसी सतयुग और द्वापर में मानी जाती है.

🪔कहां है ये रहस्यमय धाम
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उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित टटिया स्थान को कलियुग से अछूता मानने के पीछे एक गहरा आध्यात्मिक कारण है. असल में यहां ‘कलियुग’ का आशय आधुनिक मशीनी युग से है. यहां पर न तो बिजली है, न पंखा, न बल्ब, न मोबाइल और न ही किसी तरह की तकनीकी वस्तुएं. यहां तक कि आरती के समय बिहारी जी को पंखा भी डोरी से झलते हैं, जैसे पुराने जमाने में किया जाता था.
🪔हरिदास संप्रदाय से जुड़ा यह दिव्य धाम
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टटिया स्थान की स्थापना स्वामी हरिदास जी के अनुयायियों द्वारा की गई थी. स्वामी हरिदास बांके बिहारी जी के परम भक्त थे और उन्होंने प्रेम, संगीत और प्रकृति के माध्यम से भक्ति का मार्ग चुना. यह स्थान उन्हीं की परंपरा को निभा रहा है, जहां साधु-संत संसार से विरक्त होकर केवल भक्ति में लीन रहते हैं.
🚩जयजयश्रीराधेराधे🚩