देवभूमि न्यूज 24.इन
हिमाचल प्रदेश के निजी स्कूलों को लेकर शिक्षा बोर्ड ने सख्त रुख अख्तियार किया है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई स्कूल वर्दी, जूते, टाई और किताबें बेचते हुए पाया जाता है, तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इसके अलावा, स्कूलों को बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यपुस्तकों को पढ़ाना अनिवार्य होगा।
नियमों की अवहेलना पर कार्रवाई
- स्कूलों में व्यापारिक गतिविधियों पर रोक लगाई गई है।
- निर्धारित पाठ्यपुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकों की बिक्री पर भी रोक।
- स्कूल प्रबंधन और प्रधानाचार्य जिम्मेदार होंगे नियमों की अवहेलना पर।
- निरीक्षण के दौरान नियमों की अवहेलना पाए जाने पर स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है¹।

शिक्षा बोर्ड के निर्देश
- निजी स्कूलों को बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यपुस्तकों को पढ़ाना होगा।
- स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर पुस्तकों की सूची प्रदर्शित करनी होगी।
- छात्रों को पुस्तकें खुले बाजार से खरीदने की अनुमति होगी।
- विशेष योग्यजन विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रावधानों का पालन करना होगा।
शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि नियमों की अवहेलना करने वाले स्कूलों के खिलाफ बोर्ड अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। अन्य राज्यों में भी इसी तरह के नियम लागू हैं, जैसे कि उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकों का उपयोग अनिवार्य है