देवभूमि न्यूज 24.इन
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला के संजौली स्थित बंगाला कालोनी में वन भूमि और सार्वजनिक रास्तों पर हो रहे अवैध कब्जों और अतिक्रमण निर्माणों पर कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के सचिव को घटनास्थल का दौरा कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इस जांच में शिमला नगर निगम और उपायुक्त के अधिकारी सचिव के साथ सहयोग करेंगे।
कोर्ट के आदेश की मुख्य बातें:
घटनास्थल का दौरा: सचिव जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को घटनास्थल का दौरा करने और तस्वीरों के साथ विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
संबंधित अधिकारियों का सहयोग: शिमला नगर निगम और उपायुक्त के अधिकारी सचिव के साथ सहयोग करेंगे।
उपायुक्त की भूमिका: उपायुक्त संबंधित सब डिवीजन मजिस्ट्रेट को घटनास्थल पर भेजकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
- अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई: यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित प्राधिकारी नोटिस जारी करने के बाद कानून के अनुसार अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर सकते हैं।
आरोपों की प्रकृति:
वन भूमि पर अवैध निर्माण
सार्वजनिक रास्तों पर अतिक्रमण
हरे भरे क्षेत्र को कंक्रीट से ढकना
देवदार के पेड़ों को नुकसान पहुंचाना
वन भूमि पर कूड़ा जलना
सार्वजनिक फुटपाथों और सीढ़ियों पर अतिक्रमण और उन्हें अवरुद्ध करना
घरेलू अपशिष्ट जल को सार्वजनिक रास्तों और वन ढलानों पर बहाना
बिना पंजीकरण के मुर्गियों के सेट बनाकर वन भूमि पर अवैध कब्जा करना
मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी