सिरमौर में जेबीपी फाउंडेशन ने मेधावियों को वितरित की प्रोत्साहन राशि

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देवभूमि न्यूज 24.इन

आर्थिक रूप से पिछड़े मेधावियों के लिए कार्यरत उत्तराखंड की प्रसिद्ध संस्था “जेबीपी फाउंडेशन” द्वारा जिला सिरमौर के शिक्षा खंड शिलाई की दो मेधावी छात्राओं को ₹12000 की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। जेबीपी फाउंडेशन के सदस्य श्री वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि उत्तराखंड के पूर्व बैंक अधिकारी तथा जेबीपी फाउंडेशन के चेयरमैन एवं संचालक श्री एस एन शर्मा जी के आदेशानुसार यह राशि दोनों होनहार छात्राओं को प्रदान की गई। हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव अटाल निवासी श्री एस एन शर्मा ने वर्ष 2018 में बैंक ऑफ इंडिया देहरादून जोन से डिप्टी जोनल मैनेजर के पद से सेवानिवृति के पश्चात अपने माता पिता तथा बड़े भाई की याद में की थी। संगठन के प्रमुख सदस्य श्री वीरेंद्र शर्मा जी ने जीपीएस धारवा में एक सादे समारोह में अपनी पूर्व छात्रायें कुमारी साक्षी और कुमारी पूजा को कुल ₹24000.00 की राशी के प्रत्येक छात्रा को ₹12000.00 के चेक वितरित किये । इस अवसर पर दोनों छात्राओं के अभिभावक भी उपस्थित थे। दोनों छात्रायें कुशाग्र प्रवृत्ति की है और पोंटा साहिब से सनातक की शिक्षा ग्रहण कर रही है । चूँकि दोनों ही छात्राओं ने पिछली बोर्ड की परीक्षा में 80% से अधिक अंक हासिल किए हैं इसलिए इस प्रकार के संघर्षशील छात्रों के लिए ही जेबीपी फाउंडेशन की स्थापना की गई है। चूँकि, श्री वीरेन्द्र शर्मा जी दोनों के परिवारों के संघर्षप्रद जीवन के बारे में पूर्ववत परिचित थे क्यूंकि प्राइमरी स्कूल की शिक्षा इन दोनों ही छात्राओं ने इनके ही विद्यालय से प्राप्त की थी तथा इन दोनों ही छात्राओं के आवेदन पत्र भी श्री वीरेंद्र शर्मा जी ने ही अनुशंसित किए थे क्यूंकि स्थानीय प्रशासन से इनकी आय ₹ 75,000/- से कम दर्शाया है जो परिवार के भरण पोषण के वास्ते बहुत ही कम है। जेबीपी परिवार दोनों ही छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना करता है और श्री वीरेन्द्र शर्मा जी का धन्यवाद करता है। दोनों छात्राओं के घर की खराब आर्थिक स्थिति होने के कारण उनके आवेदन को जेबीपी फाउंडेशन द्वारा स्वीकार किया गया तथा उन्हें ₹12000 की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। श्री वीरेंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि जेबीपी फाउंडेशन सरकारी स्कूलों के आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब परिवारों के होनहार विद्यार्थियों के भविष्यों को संवारने के लिए उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करता है ताकि पैसों के अभाव में उनकी पढ़ाई ना छूटे। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में यह संगठन आर्थिक रूप से पिछड़े मेधावियों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है।