✍️देवभूमि न्यूज 24.इन
बहुत ही विचारणीय प्रश्न
कभी ईद में मुसलमानों को मस्ज़िद के सामने नशा करके अश्लील गानों पर नाचते हुए देखा है क्या ?
कभी ईशु मसीह के सामने क्रिस्चियन लोगों को शांताबाई गाने पर नाचते हुए देखा है क्या ?
कभी सिक्खों को अपने भगवान के सामने, आला बाबुराव गाना लगाकर नाचते हुए देखा है क्या?
ये सभी समाज अपने अपने इष्ट का मान सम्मान बड़ी ईमानदारी से करते है. क्योंकि उनको उनका धर्म उनकी संस्कृति को टिकाना है।
फिर हमारे हिन्दू धर्म के भगवान के सामने नशा करके और डीजे लगाकर अश्लील गाने लगाकर ये भद्दा नाच करने की बीमारी क्यों हो गयी है.
घर में लाडली बेटी का विवाह है, दूल्हा अपनी होने वाली गृहलक्ष्मी को लेने द्वार पर पहुँचा है और डी जे वाले बजाते हैं – तू चीज बड़ी है मस्त मस्त…
अपनी तो जैसे तैसे… आपका क्या होगा जनाबे आली…
ये कलंक हमारे हिन्दू समाज पर ही क्यों लग गया है?? या हमने ही लगा लिया..? अन्य धर्म के लोग अपने धार्मिक, पारिवारिक, सामाजिक कार्यक्रम में ऐसी फालतूगिरी नहीं करते.
डीजे पर अश्लील गाने लगाकर लाखों रुपया खर्च कर हम अपने ही इष्ट का अपने सनातन संस्कृति पारिवारिक परम्परा का अपमान कर रहे हैं.
हमें अपने त्यौहार बड़े उत्साह और बड़े पैमाने पर मनाने चाहिए, साथ ही पारम्परिक वाद्य, ढोल मजीरों, पारम्परिक पोशाक में बड़े ही शान से प्रत्येक हिन्दू त्यौहारों में दिखनी ही चाहिए.
तभी हमारी सनातन संस्कृति टिकेगी. देखिये आप खुद ही विचार करें, और दूसरों को भी विचार करने लगाइये.
अभी गणेशोत्सव आगे नवरात्रि, दशहरा आदि त्योहारों में ध्यान रखें और कोई ऐसा करता हो उन्हें समझाएं. समाज के जो कर्ता-धर्ता बनकर बैठे हैं, उनको भी अपने अपने सामाजिक संगठनों के प्रभाव व दबाव पूर्वक ऐसे करने वालों को बलपूर्वक रोकने का प्रयास करना चाहिये.