✍️देवभूमि न्यूज 24.इन
जब किसी घर में शादी के बाद पहली बार दुल्हन आती है तब उसे लक्ष्मी स्वरुप माना जाता है। वास्तव में लक्ष्मी होती भी है। प्रायः सुनने में आता है कि बहू के पैर बहुत ही भाग्यशाली हैं, जब से पड़े है, घर में लक्ष्मी बरसने लगी है। इसके विपरीत ऐसे पैर भी सुनने को मिलते हैं जिनके घर में प्रवेश करते ही सुख-सम्पदा का पलायन प्रारम्भ हो जाता है। परन्तु मैं प्रत्येक स्त्री के पर घर में शुभ मानता हॅ। मेरी पूर्ण आस्था स्त्री का लक्ष्मी स्वरुप मानने में है। इतिहास भी इस बात का साक्षी है कि जिस घर से स्त्री का मान-सम्मान उठा है, वहा सर्वनाष ही हुआ है। हम चाहे कितना भी ज्योतिष उपाय कर ले यदि स्त्री का सम्मान नही करेंगे तो हुमा सुख प्राप्त नही होगा।
महिलाये भी वास्तु में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । पंच तत्वों में अग्नि तत्व उसके शरीर में ज्यादा मात्रा में होता है । अतः महिलाओ को ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण तत्व मानते हुए उनके साथ अनुकूल व्यवहार करना वास्तु सिद्धांतो में आवश्यक है । इसलिए हमारे शास्त्रो ने एक मत से स्वीकारा है की –
यत्र पूज्यते नारी । रमन्ते तत्र देवता ॥
अतः जिन घरो में नारी की पूजा होती है, जँहा उन पर विश्वास और पूर्ण श्रद्धा रखी जाती है, वंही पर देवताओ का निवास होता है, अतः घर में बिना मंदिर ईशान में बनाये, ईशान कोण की उर्जाए मिलना शुरू हो जाती है । अर्थात घरेलु महिलाये लगातार अपने ही आवास में रहती है, बहुत ही काम कार्यो के लिए, बहुत ही काम अवसर पर वह बाहर जाती है । अतः वास्तु सिद्धांतो का लगभग पूर्ण असर महिलाओ पर ही पड़ता है ।
अतः प्रत्येक घर में यदि महिलाओ को श्रद्धा से देखा जाता है, मान सम्मान बनाये रखा जाता है, नारी की अहमियत समझी जाती है तो निश्चित रूप से उस आवास में व्यक्ति समस्तु सुखो को भोगता है । नारी को श्रद्धा से देखा जाना शुक्र का सम्मान है ऐसे में घर का अग्नि कोण सुधर जाता है, केवल अग्निकोण में रसोई मात्र बनाने से या
विद्धुत उपकरण लगाने से ही वास्तुदोष दूर नहीं होते है । नारियो में अग्नि तत्व की प्रधानता होती है, उनकी संतुष्टि मात्र से ही अग्नि कोण के दोष दूर हो जाते है । यह प्रयोग की विषय वास्तु है कृपया अपना कर देखे आपके शरीर का अग्नि तत्व तथा आवास का कोण संतुलित होने लगेगा ।
आप चाहते है की आपके घर में लक्ष्मी की सदैव कृपा बानी रहे तो अपने घर की लड़कियों व बच्चियों को खूब प्यार दे, हर संभव उनकी जरुरतो पर ध्यान दे । देवी स्वरुप में जानकार उनकी पूजा उपासना के रूप में उन्हें प्रसन्न रखे तो निश्चित रूप से धन, दौलत और लक्ष्मी के भण्डार आपके आवास में भरे रहेंगे । मात्र केवल उत्तर दिशा को हल्का रखने या वहा जल रखने से ही धन दौलत नहीं आएगी ।
लडकिया या कन्या जन्म पर आंसू न बहाये, चाहे उनकी, संख्या कितनी भी क्यों न हो गयी हो, अन्यथा आपकी लक्ष्मी रूठ कर चली जाएगी । कन्याओ को बोझ समझ कर उनकी परवरिश न करे और ना ही उन्हें तनाव दे, उनको दिल और दिमाग से हल्का रहने दे, निश्चित रूप से आपकी उत्तर दिशा हल्की हो जाएगी । और लक्ष्मी होगी आपके द्वार ।
✍️ज्यो:शैलेन्द्र सिंगला पलवल हरियाणा mo no/WhatsApp no9992776726
नारायण सेवा ज्योतिष संस्थान