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⭕आज भगवान गणेशजी के प्रत्येक अंग का धार्मिक महत्व जानते हैं।
⚜️बप्पा का प्रत्येक अंग देता है एक खास सीख
🚩सिर – बप्पा का सिर ज्ञान, समझ और विवेकशील बुद्धि का प्रतीक है, जो व्यक्ति को जीवन में पूर्णता प्राप्त करने के लिए बेहद जरूरी है।
🚩बप्पा का मुख – दुनिया में जीवन का आनंद लेने की प्राकृतिक मानवीय इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है।
🚩बड़े कान – यह ये दर्शाते हैं कि एक आदर्श व्यक्ति वह है, जिसके पास दूसरों को सुनने और विचारों को आत्मसात करने की क्षमता होती है।
🚩टूटा हुआ दांत – अपूर्णता को भी स्वीकार करना और पूर्णता प्राप्त करने के लिए ज्ञान के साथ भावनाओं पर विजय प्राप्त करना।
🚩छोटी आंखें – उनकी आंखों में वस्तुओं को उनकी वास्तविकता से समझने की शक्ति है, जो भक्तों की छोटी-छोटी समस्याओं को भी आसानी से देख लेती हैं।
🚩सूंड – आसपास की सभी चीजों को महसूस करना है।
🚩फरसा – यह शिव जी के त्रिशूल के समान अतीत, वर्तमान और भविष्य का प्रतीक है।
🚩चार भुजाएं – भगवान गणेश की ये चार भुजाएं आंतरिक गुणों मन, बुद्धि, अहंकार और विवेक का प्रतिनिधित्व करती हैं।
♿गणेश जी के इस मंत्र से जानें उनके हर अंग का महत्व-
🚩वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
📿मंत्र का अर्थ
🚩वक्रतुण्ड – घुमावदार सूंड
🚩महाकाय – विशाल शरीर
🚩सूर्यकोटि – सूर्य के समान
🚩समप्रभ – महान प्रतिभाशाली
🚩निर्विघ्नं – बिना विघ्न
🚩कुरु – पूरे करें
🚩मे – मेरे
🚩देव – प्रभु
🚩सर्वकार्येषु – सभी कार्य
🚩सर्वदा – सदैव
🚩ऊँश्रीगणेशाय_नम:🚩