देवभूमि न्यूज 24.इन
सनातन धर्म में पितरों का श्राद्ध करना अति आवश्यक कर्तव्य माना जाता है। ये श्राद्ध हिंदू धर्म की एक प्राचीन परंपरा है। यह माना जाता है कि श्राद्ध से ही पितृ संतुष्ट होकर परिवार को सुख, स्वास्थ्य व वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। पितृपक्ष के दौरान लोग अपने पूर्वजों को खुश करने के लिए श्राद्ध, तर्पण एवं विधि-विधान से पिंडदान करते है, जबकि पूर्वजों का श्राद्ध न करने से व्यक्ति को पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ही कई लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए किसी धार्मिक स्थान पर जाकर श्राद्ध करते हैं। धन की कमी या अन्य परिस्थिति में कई लोग अगर किसी तीर्थ स्थान पर नहीं जा पाते हैं, तो वह घर पर ही श्राद्ध कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि कैसे घर पर ही पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है।
घर पर ऐसे करें श्राद्ध
घर में पितरों का श्राद्ध करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।

इसके बाद सबसे पहले सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें।
फिर पितरों की पसंद का भोग बनाकर पांच जीवों के लिए अलग से निकाल कर रख दें।
अब पितरों की तस्वीर के सामने धूप-दीप जलाकर उनकी पूजा करें।
पितरों का ध्यान करते हुए उन्हें गाय का दूध, घी, खीर, चावल, मूंग दाल, उड़द, सफेद फूल अर्पित करें।
इसके बाद अपनी श्रद्धा अनुसार दान करें और ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।
ब्राह्मणों को भोजन करवाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
अंत में पूजा खत्म होने पर पांच जीवों के लिए अलग से निकाले हुए भोजन को इन जीवों को खिला दें।
ऐसा करने से पितर प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।