पितृ पक्ष में पिंडदान की संख्या: जानें कैसे करें सही तरीके से

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देवभूमि न्यूज 24.इन

⭕पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष का समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। पिंडदान की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितनी पीढ़ियों के लिए यह कार्य कर रहे हैं।

सामान्यतः तीन पीढ़ियों के लिए तीन पिंडदान किए जाते हैं, लेकिन आवश्यकता अनुसार संख्या बढ़ाई जा सकती है।

विशेष रूप से गया जैसे पवित्र स्थलों पर पिंडदान का महत्व है, जहां 16 पिंड दान करने का विधान है। मृत्यु के बाद 10 दिनों तक मृतक के लिए पिंडदान किया जाता है।

⚜️पिंडदान की संख्या कैसे निर्धारित करें
🚩पीढ़ियों की संख्या:- पिंडदान की संख्या इस पर निर्भर करती है कि आप कितनी पीढ़ियों के लिए यह कार्य कर रहे हैं। आमतौर पर, तीन पीढ़ियों (पिता, दादा, परदादा) के लिए तीन पिंड दान किए जाते हैं।

🚩विशेष परिस्थितियां:- कुछ विशेष परिस्थितियों में पांच पीढ़ियों के लिए पिंडदान किया जा सकता है।

🚩गया तीर्थ का महत्व:- गया जैसे पवित्र स्थानों पर पिंडदान का विशेष महत्व है। यहां डेढ़ महीने तक रहने से सात पीढ़ियों का उद्धार होता है।

🚩मृत्यु के बाद की प्रक्रिया:- मृत्यु के 10 दिन बाद पिंडदान किया जाता है, जिसमें कुल 16 पिंड दान किए जा सकते हैं।

⚜️पिंडदान के लाभ
🚩पितरों की तृप्ति:- यह पूर्वजों की आत्माओं की तृप्ति के लिए किया जाता है।

🚩मोक्ष की प्राप्ति:- यह पूर्वजों को मोक्ष दिलाने का एक साधन है।

🚩पितृ दोष से मुक्ति:- पितृ पक्ष में पिंडदान करने से पितृ दोष से जुड़ी समस्याओं का समाधान होता है।

🚩समृद्धि और सफलता:- पितरों की पूजा से सुख, धन और यश की प्राप्ति होती है।

⚜️पिंडों की सामान्य संख्या
🚩तीन पिंड:- यह सबसे सामान्य तरीका है, जिसमें पिता, दादा और परदादा के लिए पिंड बनाए जाते हैं।

🚩सात पिंड:- कुछ परंपराओं में सात पिंड बनाने का विधान है।

⚜️ध्यान रखने योग्य बातें
🚩सामग्री:- पिंड आमतौर पर चावल, गेहूं, दूध, शहद और तिल से बनाए जाते हैं।

🚩उद्देश्य:- पिंडदान का मुख्य उद्देश्य पूर्वजों की आत्माओं को शांति पहुंचाना है।

🚩गया में महत्व:- गया में पिंडदान का विशेष महत्व है, जहां मान्यता है कि इससे पूर्वजों को मोक्ष मिलता है।

       *🚩हरिऊँ🚩*