शारदीय नवरात्री २०२५: नवरात्रि का व्रत कैसे रखना चाहिए? प्रेमानंद जी महाराज ने बताए सही नियम

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 *देवभूमि न्यूज 24.इन*

⭕आजकल व्रत का स्वरूप काफी बदल गया है। प्रेमानंद जी महाराज ने अपने एक सत्संग में इसी बारे में बताया है। साथ ही महाराज जी ने व्रत करने का सही तरीका भी बताया है।

🪔१. व्रत में फलाहार के नियम
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शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व शुरू होने वाला है। इन दिनों कई भक्त पूरे नौ दिनों का उपवास करते हैं। नौ दिनों तक उपवास करना यकीनन आसान नहीं है। इस दौरान केवल फलाहारी भोजन ही किया जाता है। हालांकि आजकल फलाहारी भोजन में भी कई ऑप्शन मौजूद हैं। बहुत से लोग जितना खाना रोजाना नहीं खाते, उससे कहीं ज्यादा व्रत में खा लेते हैं। कभी पूड़ी, पकौड़ी, खीर और ना जाने क्या-क्या।

🪔२. प्रेमानंद जी महाराज से जानें
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सही मायनों में उपवास का अर्थ यही है, जिसमें आप खाने-पीने पर थोड़ा संयम रखें। हालांकि आजकल व्रत का स्वरूप काफी बदल गया है। प्रेमानंद जी महाराज ने अपने एक सत्संग में इसी बारे में बताया है। साथ ही प्रेमानंद जी महाराज ने व्रत करने का सही तरीका भी बताया है।

🪔३. फलाहार का सही अर्थ जानें
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प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि बहुत से लोग फलाहार के नाम पर बहुत सारी चीजें खाने लगते हैं। कुट्टू की पूड़ी, पकौड़ी, खीर आदि। उपवास में ये सब चीजें खाना ठीक नहीं है। फलाहार का अर्थ ये नहीं है कि आप ऐसा भोजन करें।

🪔४. ठीक नहीं है इन्हें खा कर व्रत रखना
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प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि व्रत में तरह तरह के व्यंजन खाना सही नहीं है। एक तो ये व्रत वाले अनाज इतने महंगे होते हैं। ऐसे महंगी चीजें खा कर व्रत नहीं रखना चाहिए। साथ ही अलग-अलग तरह के फल खाने से भी परहेज करना चाहिए।

🪔५. सुबह-शाम ना खाते रहें
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प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि आजकल लोग व्रत के नाम पर सुबह से शाम तक खाते ही रहते हैं। ये किसी भी तरह का व्रत नहीं है। व्रत में नियम और संयम दोनों जरूरी हैं। आप क्या खा रहे हैं, इसके साथ ही कितना खा रहे हैं, ये भी काफी मायने रखता है।

🪔६. ऐसा रखें खानपान
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प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि व्रत के दौरान दोपहर तक कुछ नहीं लेना चाहिए। आप दोपहर के समय कोई फल ले सकते हैं। इसके बाद आप शाम की पूजा के पश्चात कोई फल, भगवान को अर्पित किया हुआ प्रसाद या दूध ले सकते हैं। कुल मिलकर व्रत को व्रत की तरह किया जाना चाहिए।

🪔७. मन और कर्म से रहें सात्विक
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सिर्फ खाने पर कंट्रोल रखना ही उपवास नहीं है। बल्कि इस दौरान आपको अपने मन और कर्म से भी संयम में रहना चाहिए। उपवास वाले दिन भगवान का नाम लें, कीर्तन करें। मन में किसी तरह की नकारात्मकता ना आने दें और अच्छे विचारों के साथ पूजा-पाठ करें।

🚩पुत्र का चरण वंदन माँ🚩