1984 सिख दंगा: पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार की फिर बढ़ीं मुश्किलें,

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देवभूमि न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली

साल 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक जनकपुरी और विकास पुरी हिंसा मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ अंतिम बहस के लिए सूचिबद्ध कर लिया गया है। यानी अब इन इलाकों में हुई हिंसा को लेकर अदालत में अंतिम बहस होगी। बता दें कि सज्जन कुमार के खिलाफ जनकपुरी और विकास पुरी पुलिस थानों में भी मामले दर्ज हैं।
पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार की बढ़ेंगी मुश्किलें
7 जुलाई को इसी मामले में सज्जन कुमार का बयान दर्ज किया गया था
बता दें कि इससे पहले 7 जुलाई 2025 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार ने अपना बयान दर्ज कराया था। इस मामले में सज्जन कुमार ने खुद को निर्दोष बताया था। उन्होंने कहा कि वह कभी भी 1984 के सिख विरोधी दंगों में शामिल नहीं थे। उनका कहना था कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। जांच एजेंसी पर उन्होंने निष्पक्ष जांच न करने का आरोप लगाया है।
सज्जन कुमार ने कहा कि वह घटना स्थल पर मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा कि कोई भी उनका नाम ले सकता था, क्योंकि वह उस समय सांसद थे। उन्होंने हरविंदर सिंह से कोर्ट में पूछताछ पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि जांच एजेंसी का मकसद उन्हें झूठे आरोपों में फंसाना था। उन्होंने जोर देकर कहा, “मैं निर्दोष हूं, मैं कभी इसमें शामिल नहीं था और न ही सपने में भी शामिल हो सकता हूं। मेरे खिलाफ एक भी सबूत नहीं है।
सरस्वती विहार मामले में सज्जन कुमार को हो चुकी है उम्रकैद की सजा
सज्जन कुमार को 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में दो सिख नागरिक जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह को जिंदा जलाने के मामले में सजा हो चुकी है। फरवरी 2025 में कुमार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सजा सुनाई थी। एसआईटी ने आरोप लगाया था कि सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया, जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुणदीप सिंह को जिंदा जला दिया और उनके घर के सामान लूट लिए। इस दौरान उनका घर भी जला दिया गया था। इस हमले में घर के कई लोग घायल भी हुए थे।