देवभूमि न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने रोहिणी जिला अदालत के एक मजिस्ट्रेट और एक एडिशनल सेशन जज के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। न्यायिक अधिकारियों ने एक व्यक्ति की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी, जबकि उसकी अग्रिम जमानत याचिकाएं हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई थीं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया सख्त आदेश
जस्टिस गिरीश कठपालिया ने कहा कि रोहिणी कोर्ट में तैनात दोनों जजों ने न्यायिक अनुशासन का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष और जांच टीम में भी खामियां पाई और कहा कि उनकी भी जांच होनी चाहिए। कोर्ट ने अपने फैसले को जरूरी कार्रवाई के लिए दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भेजने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी अपील
जस्टिस कठपालिया ने जालसाजी और धोखाधड़ी से जुड़े एक प्रॉपर्टी फ्रॉड मामले में आरोपी निखिल जैन द्वारा दायर पांचवीं अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश पारित किया। सुप्रीम कोर्ट में जैन की सभी पिछली याचिकाएं और अपीलें खारिज कर दी गई। इन नाकामियों के बावजूद, मैजिस्ट्रेट और एएसजे द्वारा दी गई अंतरिम सुरक्षा के कारण जैन गिरफ्तारी से बच गए।
याचिका खारिज करने की सच्चाई छिपाई
हाई कोर्ट ने पाया कि बचाव पक्ष के वकील, जांच अधिकारी और अभियोजक ने मजिस्ट्रेट से हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज करने की सच्चाई छिपाई। हालांकि, मजिस्ट्रेट को इस बारे में 25 नवंबर, 2024 के अपने आदेश और शिकायतकर्ता के वकील द्वारा दी गई दलीलों के माध्यम से साफतौर पर जानकारी थी