देवभूमि न्यूज 24.इन
भगिनी निवेदिता एक आयरिश शिक्षाविद्, लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता और स्वामी विवेकानंद की शिष्या थीं। उनका जन्म 28 अक्टूबर 1867 को आयरलैंड में हुआ था और उन्होंने अपना जीवन भारत की सेवा में समर्पित कर दिया था।
भगिनी निवेदिता का जीवन:
प्रारंभिक जीवन: भगिनी निवेदिता का जन्म आयरलैंड में हुआ था और उन्होंने अपनी शिक्षा वहीं प्राप्त की। वह एक शिक्षिका के रूप में काम करने लगीं और बाद में स्वामी विवेकानंद के संपर्क में आईं।
स्वामी विवेकानंद के साथ मुलाकात: भगिनी निवेदिता ने स्वामी विवेकानंद के साथ मुलाकात के बाद अपना जीवन भारत की सेवा में समर्पित करने का निर्णय लिया।
भारत आगमन: भगिनी निवेदिता 1898 में भारत आईं और उन्होंने बंगला भाषा सीखी। उन्होंने एक कन्या पाठशाला की स्थापना की और निर्धन और निर्बल लोगों की सेवा में जुट गईं।
भगिनी निवेदिता के कार्य:
शिक्षा: भगिनी निवेदिता ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने एक कन्या पाठशाला की स्थापना की और लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने के लिए काम किया।
सेवा कार्य: भगिनी निवेदिता ने निर्धन और निर्बल लोगों की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने प्लेग, बाढ़, अकाल आदि में लोगों की सेवा की।

स्वतंत्रता आंदोलन: भगिनी निवेदिता ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी भाग लिया और बंग भंग का विरोध किया।
भगिनी निवेदिता की विरासत:
शिक्षा और सेवा: भगिनी निवेदिता की विरासत शिक्षा और सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। उन्होंने लोगों को शिक्षा प्रदान करने और उनकी सेवा करने के लिए काम किया।
स्वतंत्रता आंदोलन: भगिनी निवेदिता की विरासत स्वतंत्रता आंदोलन में भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बंग भंग का विरोध किया और स्वतंत्रता की लड़ाई में भाग लिया।
भगिनी निवेदिता का निधन 13 अक्टूबर 1911 को दार्जिलिंग में हुआ था। उनकी समाधि पर लिखा है – “यहाँ भगिनी निवेदिता चिरनिद्रा में सो रही हैं, जिन्होंने भारत के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।”