यम का दिया चौमुखी क्यों होना चाहिए? -डॉ चिपक दुबे

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   *देवभूमि न्यूज 24.इन*

⭕यम का चौमुखी दीया यमराज को समर्पित होता है और इसे धनतेरस या नरक चतुर्दशी पर अकाल मृत्यु से बचाव और परिवार की लंबी उम्र के लिए जलाया जाता है। चार मुखी दीया जलाने का महत्व यह है कि यह चार दिशाओं में यमराज का आशीर्वाद फैलाता है, सुख-समृद्धि लाता है और घर की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह दीया दक्षिण दिशा में, जो यमराज की दिशा मानी जाती है, घर के बाहर जलाया जाता है।

⚜️चौमुखी दीया क्यों जलाएं
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🚩अकाल मृत्यु से बचाव:- यमराज को समर्पित यह दीया जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है।

🚩सुख-समृद्धि और सुरक्षा:- मान्यता है कि यह दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और परिवार सुरक्षित रहता है।

🚩चार दिशाओं में प्रकाश:- चार मुखी दीया चार दिशाओं में प्रकाश फैलाने का प्रतीक है, जो जीवन के चार दिशाओं में सुरक्षा और समृद्धि लाता है।

⚜️यम का दीया कैसे जलाएं
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🚩स्थान:- घर के बाहर दक्षिण दिशा में जलाएं।

🚩दीपक:- मिट्टी का चौमुखी दीपक लें या आटे से बनाएँ। दीपक में सरसों का तेल डालें।

🚩बत्तियां:- चार बत्तियां लगाएँ, जो चार दिशाओं में हों।

🚩प्रक्रिया:- पूजा के बाद, यमराज का आह्वान करते हुए दीपक जलाएँ। दीपक को घर की दहलीज के बाहर रखें और उसके पास घर का कोई भी सदस्य बाहर न जाए।

🚩प्रदक्षिणा:- दीपक की परिक्रमा करें और कुछ सिक्के पास में रखें, जिन्हें बाद में दान कर दिया जाता है।

🚩नियम: दीपक जलाने के बाद, उससे दूर हो जाएं। सुबह शांत होने पर सिक्के दान कर दें।

      *🚩ऊँ_यमाय_नम:🚩*