देवभूमि न्यूज 24.इन
शकुंतला देवी, जिन्हें “मानव कंप्यूटर” के नाम से जाना जाता है, एक अद्वितीय गणितीय प्रतिभा थीं। उनका जन्म 4 नवंबर 1929 को बेंगलुरु, भारत में हुआ था। वह अपनी असाधारण गणितीय क्षमताओं के लिए प्रसिद्ध थीं, जो कंप्यूटर से भी तेज थीं।
शकुंतला देवी ने अपनी गणितीय क्षमताओं का प्रदर्शन बचपन से ही करना शुरू कर दिया था। वह बड़ी-बड़ी गणित की समस्याओं को पलक झपकते हल कर देती थीं। उनकी इस प्रतिभा को देखते हुए, उन्हें “ह्यूमन कंप्यूटर” की उपाधि दी गई थी।
शकुंतला देवी ने अपनी गणितीय क्षमताओं के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए। उन्हें 1982 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया था, जब उन्होंने दो 13 अंकों की संख्या का गुणन मात्र 28 सेकंड में किया था।
शकुंतला देवी की विरासत आज भी प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने दिखाया कि गणित एक जटिल विषय नहीं है, बल्कि यह एक मनोरंजक और रोमांचक विषय हो सकता है। उनकी कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
शकुंतला देवी एक अद्वितीय गणितीय प्रतिभा थीं, जिन्होंने अपनी क्षमताओं से दुनिया को चकित कर दिया। उनकी जयंती पर, हमें उनकी उपलब्धियों को याद करना चाहिए और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।