स्वराज सत्याग्रह यात्रा: देश की न्याय व्यवस्था लगभग चरमरा गई है। उच्च न्यायालय व्यवस्था पर भी अब प्रश्न चिन्ह!

Share this post


देवभूमि न्यूज 24.इन


दिल्ली हाई कोर्ट ने भाजपा संघ विधायक कुलदीप सांगर की जेल टर्म को सस्पेंड कर दिया। अभी उसकी अपील में निर्णय नहीं हुआ है। ऐसा करना एक बहुत ही गंभीर सवाल पैदा करता है। संगीन रेप अपराध जिसमें उसने पीड़ित की हत्या भी की उसके बाद उसने पीड़िता के पिता और दूसरे रिश्तेदार की भी हत्या की इसमें भी इसे सजा हुई है ऐसे संगीन अपराध यानी जुल्मी को हाई कोर्ट भी नरम रवैया अपनाएगा तो फिर लोगों का विश्वास न्याय व्यवस्था पर उठना स्वाभाविक है। पीड़िता की बहन ने इस पर गंभीर चिंता प्रकट की और खुद और परिवार के लिए खतरा बताया। आज दिल्ली के इंडिया गेट पर वे धरने पर भी बैठे तो उन्हें दिल्ली पुलिस ने जबरन धरने से उठाया। उन्हें घसीटते हुए उनकी पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई। आखिर लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन भी अब बहुत ही मुश्किल हो गया है। अब जनता सत्ता से अपनी नाराजगी और असहमति कैसे प्रकट करे। यह बिल्कुल तानाशाही है। और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा संघ जिम्मेदार है। एक शांति प्रिय आम जन का जीना दूभर कर दिया है इस व्यवस्था ने। इतनी असंवेदनशीलता लोकतंत्र में बिल्कुल भी मान्य नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा संघ ने देश के लोकतंत्र का बाजा बजा दिया है। जनता को इसके लिए अब तब तक आंदोलन करना है जब तक भाजपा संघ सत्ता से बेदखल नहीं होते हैं। अभी हम एक उत्तराखंड की महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर सुन रहा था जो सीधे उत्तराखंड प्रशासन को चेता रहीं थी कि अब महिलाएं खुद अपनी सुरक्षा करने के लिए आगे आएंगी क्योंकि उनके मुताबिक सत्ता में बैठे लोग ही महिलाओं के साथ दरिंदगी कर रहे और पीड़ितों की बजाय अपराधियों को सरंक्षण दे रहे। लोकतंत्र में एक घटना जैसे दिल्ली में निर्भया कांड के बाद हुआ था पूरे तंत्र को हिला देता है पर 2014 के बाद सारे संस्थान जैसे अब बिल्कुल ही असंवेदनशील हो गए हैं। राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू एक महिला होने पर भी खामोश रहती हैं और बंगाल में जब ऐसी दरिंदगी होती है तभी वे चिंता प्रकट करती हैं। ऐसा पक्षपाती रवैया देशहित में बिल्कुल मान्य नहीं है। देश में हर नागरिक की सुरक्षा और सम्मान की जिम्मेदारी सरकार की है। इससे कोई भी मुंह नहीं मोड़ सकता।
हमारा देश की राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत से आग्रह है कि वे अपने विशेषाधिकार का उपयोग कर स्थिति पर काबू पाएं। यदि जनता का धैर्य जवाब देता है और कोई विशेष परस्थिति उत्पन होती है तो सारी जिम्मेदार इन्हीं की होगी।
जय हिंद जय लोकतंत्र जय संविधान

डॉ अशोक कुमार सोमल
स्वराज सत्याग्रही व पर्यावरण एवं लोकतंत्र प्रेमी
लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान