रिवर्स वॉकिंग करती है शारीरिक सेहत के साथ मानसिक सेहत में भी सुधार

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देवभूमि न्यूज डेस्क
हिमाचल प्रदेश
चंम्बा

डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डायटिशियन होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार ने बताया कि रिवर्स वॉकिंग शारीरिक सेहत के साथ साथ मानसिक सेहत में भी सुधार करती है.. इसकी मदद से ना केवल फोकस बेहतर होता है बल्कि ये दिमाग को संतुलन और समन्वय बनाने के लिए प्रेरित करती है. दिमाग ज्यादा सतर्क होता है जिससे उसकी कार्यप्रणाली दुरुस्त होती है. इसे करने से हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं जिससे मूड भी अच्छा होता है

और दिमाग में तनाव पैदा करने वाली संवेदनाएं कंट्रोल होती हैं.उल्टा चलने से घुटनों से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है। घुटने के जोड़ पर अतिरिक्त योजक क्षण को कम करके घुटने के जोड़ के मध्य भाग पर संपीड़न बलों को कम करके दर्द से राहत पर प्रभाव डाल सकता है।पीठ दर्द कम करने में मददगार रिवर्स वॉकिंग ।रिवर्स वॉकिंग आपकी पीठ में लंबे समय से बना हुआ दर्द कम हो सकता है।रिवर्स वॉकिंग से पीठ के निचले हिस्से पर दबाव पड़ता है जिससे कमर दर्द खासकर हैमस्ट्रिंग वाले हिस्से में दर्द से आराम मिलता है.पैरों की ताकत बढ़ती हैपीछे चलने के लिए पैरों की आगे-पीछे दोनों तरफ की मसल्‍स की अच्‍छी तरह से एक्‍सरसाइज हो जाती है, जिससे पैरों में मजबूती आती है बैलेन्स बेहतर होता है .वजन कम होता है