PGI में इलाज करवाने वालों के लिए अहम खबर, घर बैठे मिलेगी सुविधा

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देवभूमि न्यूज डेस्क
चंडीगढ़

पी.जी.आई. ओ.पी.डी. में देशभर से रोजाना चेकअप के लिए आने वाले मरीजों को कार्ड बनवाने के लिए लाइन में लगना पड़ता है या फिर मोबाइल फोन से पी.जी.आई. की वेबसाइट पर मुश्किल से होने वाली रजिस्ट्रेशन से बचने का एक और बेहद आसान तरीका तैयार करने जा रहा है। अब पी.जी.आई. की वेबसाइट से बढ़िया रिस्पांस मिलने के बाद पी.जी.आई. प्रशासन अपने ऐप लॉन्च करने जा रहा है।
अन्य ऐप की तरह इस ऐप को भी लोग अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर आसानी से ओ.पी.डी. में आने के लिए अंदर आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराकर कार्ड बनवा सकते हैं। इस सुविधा में प्रतिदिन पी.जी.आई. करीब 8 से 10 हजार मरीजों को राहत मिलेगी। इस नई पहल को पायलट प्रोजेक्ट के जरिए शुरू करने की योजना है। पी.जी.आई. डायरेक्टर प्रो. विवेक लाल कहते हैं कि यह बहुत बड़ी और अद्भुत पहल है। इसकी मदद के साथ पी.जी.आई. और अधिक पेशैंट फ्रेंडली बन सकेगा।

ऑनलाइन ही कार्ड की पेमैंट होगी

ओ.पी.डी. में बढ़ते मरीजों की संख्या पिछले कुछ वर्षों से एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस ऐप को अन्य ऐप की तरह ही फोन में डाउनलोड किया जा सकता है। जहां मरीज अपनी जानकारी दर्ज कर अपना रजिस्ट्रेशन करेगा। कार्ड की पेमैंट भी ऑनलाइन होगी। मरीज के लिए एक कार्ड नंबर भी जेनरेट किया जाएगा। प्रिंट-आउट रजिस्ट्रेशन का प्रमाण होगा। पी.जी.आई. मरीजों को कार्ड बनाने वाले काउंटर पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जो लोग फोन का उपयोग नहीं कर सकते, उनके लिए चंडीगढ़ में ई-संपर्क केंद्र जैसे विभिन्न राज्यों से समान सेवा केंद्रों के कर्मचारी भी मरीजों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करेंगे। उन्हें एक प्रिंट आउट दिया जाएगा, जिसे ओ.पी.डी. गेट के बाहर उपलब्ध कार्ड पर लगाना होगा।
जिस समय ओ.पी.डी. में नंबर आएगा, वह ऐप बताएगी
यह ऐप रजिस्ट्रेशन की सुविधा देगी बल्कि साथ ही मरीजों को ओ.पी.डी. में आने के लिए अपनी सुविधा अनुसार की तिथि व समय भी चुन सकेगा। इस प्रकार मरीज को सबुज जल्दी आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस तरह अगर मरीज को ऐप पर दोपहर 1 बजे का समय मिला है तो वह उस समय आ सकेगा। शुरूआती चरण में ऐप पर ऑनलाइन मरीजों के लिए कैपिंग होगी, यानी एक दिन में निश्चित संख्या में मरीज रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
एक बार ऐप उपलब्ध हो जाने पर, डॉक्टरों के पास ऑनलाइन पंजीकरण कराने वाले मरीजों की एक सूची होगी और पारदर्शिता बनी रहेगी। यह काफी एडवांस लेवल सिस्टम होगा। डिप्टी डायरेक्टर के अनुसार, हम भविष्य में मरीजों के लिए एक क्यूआर कोड बनाने की भी योजना बना रहे हैं ताकि उन्हें अलग-अलग टेस्टों के लिए लाइनों में खड़ा न होना पड़े। क्यू-आर कोड परउनकी टेस्टजमा की जा सकेगी। इससे न केवल मरीजों का समय बचेगा बल्कि भीड़भाड़ और पार्किंग की समस्या से भी कुछ राहत मिलेगी।


पी.जी.आई. वेबसाइट पर इसलिए नहीं दे सकी राहत
पी.जी.आई. ने 2016 में रजिस्ट्रेशन के लिए अपनी वेबसाइट की सुविधा प्रदान की थी लेकिन वह सुविधा बहुत सफल नहीं हो सकी। पी.जी.आई. ओप.डी. आने वाले मरीजों में से 20 फीसदी भी वेबसाइट के माध्यम से रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके। जिसका कारण यह है कि पी.जी.आई. की वेबसाइट व्यस्त होने के कारण हर मोबाइल पर ओपन होने में मुश्किल पेश आ रही थी। फिर वेबसाइट पर कार्ड बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन के समय कमजोर इंटरनेट के कारण मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं होपाता था। इसी कारण से चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को पी.जी.आई. आकर कार्ड बनवाने पड़ते थे।
Eye विभाग की रजिस्ट्रेशन के साथ शुरू होगा ऐप
पी.जी.आई. डिप्टी डायरेक्टर पंकज रॉय के अनुसार अस्पताल द्वारा एक टीम एम्स भुवनेश्वर इस प्रोजेक्ट संबंधी जाने वाली है। यह सिस्टम वहां पहले से ही काम कर रहा है। फिलहाल इसे सभी विभागों के लिए शुरू करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन वह कोशिश कर रहे हैं कि सबसे पहले आंखों के विभाग में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस सुविधा को शुरू किया जाए। फिर जिस तरह का रिस्पॉन्स आएगा, उसके मुताबिक अन्य विभागों को इस प्रोजेक्ट में जोड़ा जाएगा।