देवभूमि न्यूज डेस्क
हिमाचल प्रदेश
शिमला
बजट सत्र के दौरान उद्योगों के पलायन का मुद्दा चर्चाओं में रहा अब इसको लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि उद्योगों के पलायन को लेकर भाजपा के आरोप पूरी तरह से निराधार है। बजट सत्र के आठवें दिन विपक्ष के विधायकों ने उद्योगों के पलायन को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला।
इस दौरान विपक्ष के विधायक हाथों में तख्तियां लेकर विधानसभा पहुंचे. इस मौके पर विपक्षी विधायकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश से उद्योगों के पलायन की बात सरासर गलत है। इस दौरान उद्योग मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया।

उन्होंने फार्मा उद्योगों से जुड़े एमओयू साइन करने की भी बात कही. हर्षवर्धन चौहान ने इस मौके पर दुबई दौरे का जिक्र भी किया. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि दुबई में अरब हेल्थ सबमिट गए थे जहां 2800 करोड़ के एम ओ यू साइन किए गए।मुंबई में हुई फार्मा सबमिट में भी वो हिमाचल का पक्ष रखने पहुंचे इसमें 3000 करोड़ के एमओयू साइन किए।
वही स्क्रैप पॉलिसी को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि उद्योग विभाग ने स्क्रैप पॉलिसी बनाकर 2 महीने पहले ही मुख्य सचिव को भेज दी है। पहले जो स्क्रैप पॉलिसी बनाई गई थी

उसमें कुछ त्रुटियां थी. जिसे ठीक करने के बाद उसे पुनः जरूरी प्रक्रियाओं के लिए चीफ सेक्रेटरी को भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा की इसके बाद यह पॉलिसी कैबिनेट में जाएगी जहां उसको अप्रूव करके अमल में लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्क्रैप पूरी तरह से असंगठित सेक्टर है. कितने का स्क्रैप है इसकी भी कोई पक्की जानकारी नहीं है। हालांकि विभाग का अनुमान है कि इसमें 100 करोड़ से हजार करोड़ तक का स्क्रैप हो सकता है. लिहाजा पॉलिसी को कैबिनेट में ले जाकर जरूरी प्रक्रियाओं के बाद लागू किया जाएगा.