जगत प्रकाश नड्डा को हिमाचल प्रदेश सरकार को रिपीट करवाने की महा-चुनौती, अग्नि परीक्षा एवं प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
देवभूमि न्यूज डेस्क
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए चंद महीने शेष बचे हुए हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में भाजपा सुप्रीमो जगत प्रकाश नड्डा को लेकर तरह तरह की व्यानवाजियों का दौर शुरू होने वाला है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के हिमाचल प्रदेश के दौरे खूब चर्चा का विषय बने हुए हैं। यही नहीं इस समय नेतृत्व की कमांड पर भी सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। यही नहीं जानकारों का कहना है कि जगत प्रकाश नड्डा खुलकर विधायकों और मंत्रियों को टिकट पक्की ना मानकर चलने की भी सरेआम घोषणा कर गए हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा आलाकमान ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में जगतप्रकाश नड्डा को स्वतंत्र रणनीति अपनाने को अधिकृत कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़ी दुविधा मिशन रिपीट में कुछ विधायकों और मंत्रियों के कामकाज को लेकर भी सामने आ रही है। ऐसे में जगतप्रकाश नड्डा को टिकट काटने की सार्वजनिक घोषणा को बहुत बड़ी सियासी हलचल माना जा रहा है।
जगतप्रकाश नड्डा जी के टिकट काटने पर भाजपा में एक बवाल मचा हुआ है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा है कि आम आदमी पार्टी भाजपा के असंतुष्ट होने वाले विधायकों व मंत्रियों पर कड़ी नजर रखी हुई है। जगत प्रकाश नड्डा के व्यान से आम आदमी पार्टी इसका राजनीतिक लाभ उठा सकती है। हिमाचल प्रदेश में सभी जिलों में आम आदमी पार्टी दस्तक दे रही है।
यही नहीं कांग्रेस पार्टी भी भाजपा के अंदरूनी मामलों पर सतर्कता से कार्य नीति को लागू कर सकती है। कांग्रेस की नजर भाजपा की टिकट कटने वाले विधायकों एवं मंत्रियों पर हर हालत में रहेगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के तीन साल के कार्यकाल उपरान्त हिमाचल प्रदेश में कोरोनावायरस महामारी-महायुद्ध ने सभी जिलों में खतरनाक दस्तक देकर विकासोन्मुखी योजनाओं को क्रियान्वित करने में बुरी तरह प्रभावित कर दिया। इससे नेतृत्व परिवर्तन पर भी सवालिया निशान उभरने लगे लेकिन मुख्यमंत्री वैश्विक महामारी का हवाला देकर अपनी गद्दी को बरकरार रखने में सफल सिद्ध हुये। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश भाजपा में कुछ विधायकों व मंत्रियों को अपनी टिकट बचाने के लाले पड़े हुए हैं।
विश्वस्त सूत्रों ने बताया है कि जयराम ठाकुर जी एक ईमानदार व स्वच्छ छवि के राजनेता है।वह भाजपा की मिशन रिपीट की नैय्या पार लगा सकते हैं। भाजपा की टिकट कटने की आशंकाओं ने विधायकों और मंत्रियों को अचंभित कर दिया है। भाजपा के विधायक और मंत्रियों को डर सताने लगा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी उनकी टिकट बचाने में सहायक सिद्ध होंगे? जगत प्रकाश नड्डा जी के टिकट कटने वाले व्यान से सभी बुरी तरह आहत एवं भय से त्रस्त हो चुके हैं। जगतप्रकाश नड्डा जी के इस व्यान ने साफ कर दिया है कि वह हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में टिकट आबंटित करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी भी हासिल करने में सक्षम सिद्ध हो सकते हैं। किंतु इस रणनीति को जबरदस्त झटका लगा जब
कई जगह भाजपा की रैलियों में कार्यकर्ताओं द्वारा सरेआम केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर जी को मुख्यमंत्री बनवाने का सार्वजनिक नारा लगाना एक जबरदस्त राजनीतिक हलचल को बढ़ावा दे चुका है।
कुछ विष्लेषण कर्ताओं और सोशल मीडिया से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार श्री कृष्ण भानू जी ने तो चुनावों से पहले हिमाचल प्रदेश सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की यथासंभव सम्भावना से कदापि इन्कार नहीं किया है। उनका मानना है कि भाजपा सुप्रीमो जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल प्रदेश में लगातार तूफानी दौरा करके यह सिद्ध कर रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सभी विकल्प खुले हैं।
सत्ता के माहिर यह भी मानकर चल रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का आगामी चुनाव जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में भी लड़ाया जा सकता है।
अगर चुनावों से पहले भाजपा सरकार में नेतृत्व परिवर्तन जिसकी सम्भावना बहुत ही कम है के अन्तर्गत श्री अनुराग सिंह ठाकुर को हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा चुनाव मैदान में कूद सकती है।
नेतृत्व परिवर्तन के प्रश्न पर जगत प्रकाश नड्डा को भी हिमाचल प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि इसकी सम्भावनायें दिखाई नहीं देती है।
भाजपा के लिए ऐंटी इनकम्बैंसी फैक्टर को ज्यादा तरजीह दी जा रही है। इसमें जयराम ठाकुर सरकार का निष्क्रिय कार्यकाल एक बहुत बड़ा मुद्दा बन चुका है।
जानकारों ने माना है कि मुख्यमंत्री अपने गृह जिला मंडी में भी बहुत मामलों में फिसड्डी साबित हुये है।
अब जबकि चुनावों का विगुल एक तरह से तो बज ही चुका है। ऐसे में समय से पहले चुनावों की तैयारियों को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है।
जगतप्रकाश नड्डा ने इस बारे अप्रत्यक्ष एवं अंदरखाते हिमाचल प्रदेश में तीन बड़े पैमाने की महारैलियों से इसका आगाज कर दिया है।
यह भविष्य के गर्त में ही छुपा हुआ है कि पहले विकल्प में वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी के नेतृत्व में भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों में उतरती है।
दूसरे वैकल्पिक परिप्रेक्ष्य में केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर को मुख्यमंत्री पद सौंपकर एक नई परिवर्तन व्यवस्था का विकल्प भी खुला है।
तीसरे और अंतिम विकल्प में जगतप्रकाश नड्डा की रहनुमाई में चुनावी महासमर में भाजपा विरोधियों को चित्त करने की रणनीति पर विचार कर सकती है।
बहरहाल हिमाचल प्रदेश में भाजपा की चुनावी रणनीति और राजनीतिक विश्लेषकों की हलचल ने जबरदस्त तूफान ला दिया है।