मोदीजी! एक देश, एक कानून का क्या हुआ?
पीएम केयर्स फंड और नेशनल हेराल्ड के कानून-कायदे अलग-अलग कैसे?
देवभूमि न्यूज डेस्क
बोनसाई पॉलिटिक्स के सियासी खिलाड़ी पीएम नरेंद्र मोदी- एक देश, एक कानून जैसे जुमले तो अक्सर उछालते रहते हैं, लेेकिन सत्ता और संगठन पर एकाधिकार के लिए उनकी कथनी और करनी में बड़ा फर्क है?
इसीलिए बड़ा सवाल यह हैे कि- पीएम केयर्स फंड और नेशनल हेराल्ड के लिए कानून-कायदे अलग-अलग कैसे हैं?
राफेल सौदे को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदेह और सवाल हैं, क्या इसकी जांच भी इतनी ही तत्परता से होगी?
कांग्रेस @INCIndia ने ट्वीट किया…. पीएम केयर्स फंड के हजारों करोड़ के चंदे का हिसाब ना देने वाले लोग, राष्ट्रवादी अखबार नेशनल हेराल्ड को पूर्व में दिए गए कर्ज़ का हिसाब मांग रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस एक-एक पैसे का हिसाब दे चुकी है. बदले की भावना से की जा रही कार्यवाही को देश भूलेगा नहीं.
कानून को ताक पर रखकर जिस तरह की हरकत ये लोग कर रहे हैं, उसे माफ नहीं किया जा सकता है. इस तरह की घटिया हरकतें कर मोदी सरकार जो हासिल करना चाहती है, उसे कभी हासिल नहीं होगा. कांग्रेस बहादुरों की पार्टी है, कायरों की नहीं, जो इनकी गीदड़ भभकियों से डर जाए!
ऐसा नहीं है कि मोदी टीम सत्ता के विरोधियों को ही निपटाने के लिए ही राजनीतिक चाले चलती है, बीजेपी के प्रमुख नेता भी इनकी सियासी शतरंज के शिकार हो चुके हैं?
जब बीजेपी के संस्थापक और प्रमुख नेता लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं को सियासी संन्यास आश्रम में भेजना था तो 75 साल का राजनीतिक फार्मूला निकाला गया, तो अब राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जैसे असरदार नेताओं को रोकने के लिए चुनाव के टिकट की उम्र 70 साल करने की खबरें हैं?
देखना दिलचस्प होगा कि ये दोनों नियम अगले लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी पर लागू होते हैं या नहीं?