पंजाब समेत सात राज्यों को कैंसर से बचाएगा होमी भाभा अस्पताल

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पंजाब समेत सात राज्यों को कैंसर से बचाएगा होमी भाभा अस्पताल

देवभूमि न्यूज डेस्क
पंजाब /चंडीगढ़

पंजाब सरकार द्वारा किए गए एक अध्ययन में पता चला था कि पंजाब के बठिंडा जिले के तलवंडी साबो में बड़ी तादाद में कैंसर मरीज मिले थे। अध्ययन में पता चला था कि 1 लाख की आबादी में से 125.4 लोगों को कैंसर की बीमारी थी।
अब पंजाब समेत हिमाचल, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों को कैंसर से बचाने में न्यू चंडीगढ़ अग्रणी भूमिका निभाएगा। करीब 9 साल के लंबे इंतजार के बाद होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के प्रथम चरण की सेवाएं शुरू हो गई हैं। इसमे लोगों की जरूरत के हिसाब से ओपीडी, रेडियोलॉजी, रेडियोथैरेपी आदि कई सेवाएं शुरू कर दी हैं। जल्द ही अस्पताल का औपचारिक उद्घाटन होगा।


अस्पताल न्यू चंडीगढ़ के मेडिसिटी में स्थापित किया गया है। इस प्रोजेक्ट से न्यू चंडीगढ़ का आगाज हुआ था। अस्पताल केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग ने शुरू किया है। इसमें अभी 40 डॉक्टरों की टीम ने मोर्चा संभाला है। डॉक्टरों की संख्या जरूरत के अनुसार बढ़ती रहेगी। अभी अस्पताल में रोज 25 से 30 मरीजों को देखा जा रहा है। इस अस्पताल में कैंसर से संबंधित इलाज के अलावा रिसर्च एवं शिक्षा का काम भी किया जाएगा जिससे इलाके के लोगों को कैंसर के इलाज के अलावा इसकी रोकथाम संबंधी जानकारी में भी सहायता मिलेगी।
एक जुलाई से रोज 125 मरीजों का होगा चेकअप
एक जुलाई को डॉक्टर डे के अवसर पर अस्पताल में रेडियोलॉजी की एक नई यूनिट का उद्घाटन किया जाएगा। इस यूनिट के उद्घाटन के बाद हॉस्पिटल में रोज 125 मरीजों की जांच की क्षमता होगी। इसके अलावा कैंसर के मरीजों के सर्जरी की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए अभी ऑपरेशन थिएटर शुरू नहीं हुए हैं। उन्हें भी जल्द शुरू करने की योजना है। अभी अस्पताल में आपातकाल की स्थिति में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है लेकिन दूसरे चरण में अस्पताल में 300 बेड ऐसे हैं, जिन पर मरीजों को भर्ती किया जा सकता है।
केंद्र ने अस्पताल के लिए करोड़ों खर्चे, पंजाब ने फ्री में दी जगह
यह अस्पताल केंद्र सरकार द्वारा 663.74 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। वहीं पंजाब सरकार ने अस्पताल के लिए करोड़ों रुपये की 50 एकड़ जमीन फ्री में दी है। दिसंबर 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अस्पताल की नींव रखी थी। पहले इसे 2018 में शुरू होना था लेकिन टेंडर में देरी हुई। फिर चुनाव व कंस्ट्रक्शन मेटीरियल की कमी के चलते प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी पड़ी। कई बार प्रोजेक्ट के संपन्न होने की तारीख बदली गई। नवंबर 2021 और बाद में जनवरी 2022 में शुरू करने की भी योजना थी। 40,547 वर्ग मीटर में 300 बेड का अस्पताल बनाया गया है।
प्रिवेंटिव ऑन्कोलॉजी से इलाके को मिल रही हैं बेहतर सेवाएं
प्रिवेंटिव ऑन्कोलॉजी के तहत हॉस्पिटल की कई टीमें काम कर रही हैं। इसके तहत इन टीमों के द्वारा ग्रामीण इलाकों में शिविर लगाए जाते हैं। शिविर में लोगों को कैंसर के प्रारंभिक लक्षण एवं उसके उपचार के बारे में जागरूक किया जाता है। इसके अलावा प्रारंभिक लक्षणों वाले व्यक्तियों की जांच की जाती है। अगर उनमें किसी प्रकार के कैंसर की पुष्टि होती है तो उन्हें इलाज से संबंधित सभी जानकारियां भी दी जाती हैं। आने वाले समय में ये टीमें इलाके में कैंसर के रोकथाम के लिए काफी मददगार साबित होंगी।
पंजाब को कैंसर अस्पताल की जरुरत क्यों पड़ी
पंजाब सरकार द्वारा किए गए एक अध्ययन में पता चला था कि पंजाब के बठिंडा जिले के तलवंडी साबो में बड़ी तादाद में कैंसर मरीज मिले थे। अध्ययन में पता चला था कि 1 लाख की आबादी में से 125.4 लोगों को कैंसर की बीमारी थी। इसमें से 51 मरीज प्रति लाख के हिसाब से मृत्यु भी हो रही थी ।
2005 में पंजाब के चार जिलों के किए गए सर्वे के आंकड़े
जिला              मरीज       प्रति लाख मरीज
मुक्तसर           453            54.7
बठिंडा              711            59.2
फरीदकोट         164            28
मानसा             420            57.4
अस्पताल में प्रथम चरण की सेवाएं शुरू कर दी गई हैं। इसका औपचारिक उद्घाटन अभी किया जाएगा। यह अस्पताल केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा चलाया जा रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को सेवाएं देना है। यह अस्पताल उत्तरी भारत में कैंसर की रोकथाम के लिए एक बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।

-डॉ. आशीष गुलिया,
डिप्टी डायरेक्टर होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर।