देवभूमि न्यूज डेस्क
हिमाचल प्रदेश
कांगड़ा
प्राकृतिक खनिज पदार्थों पर रॉयल्टी लगाने का निर्णय प्रदेश के लिए वरदान सिद्ध हो सकता है। यह शब्द पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहे। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय के लिए हिमाचल सरकार और जनता को बधाई दी है , जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि प्राकृतिक खनिज प्रदार्थों पर रॉयल्टी लगाना प्रदेश सरकारों का अधिकार है। इस निर्णय का हिमाचल प्रदेश को बहुत अधिक लाभ हो सकता है।
उन्होंने कहा कि 1990 में जब पहली बार उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए बिजली परियोजनाओं पर रॉयल्टी लगाने का निर्णय किया था तो केंद्र सरकार से सहमति लेनी पड़ी थी।
उन्हें इस बात की भी खुशी है कि प्रदेश सरकार अपनी आय के साधन बढ़ाने के लिए योजना बना रही है। साधन बढ़ाने के साथ सरकार को अपने खर्चों में बचत करने की भी कोशिश करनी चाहिए। सरकार के गैर योजना खर्चों में 10 प्रतिशत की बचत बड़ी आसानी से की जा सकती है। वर्ष 1977 में उन्होंने दो साल में 50 करोड़ रुपए की बजत की थी।
शांता कुमार ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद हिमाचल सरकार सभी पनबिजली योजनाओं पर रॉयल्टी लगाने का निर्णय करे। इतना ही नहीं, रायॅल्टी बढ़ाने का भी बहुत बड़ा औचित्य है। हिमाचल का पानी बिजली पैदा करने के लिए कच्चे माल की तरह एक बहुत बड़ा साधन है। 1990 के मुकाबले आज बिजली कई गुणा महंगी हो गई है। बिजली का भाव बढऩे के साथ उसको बनाने के लिए पानी का भाव भी बढऩा चाहिए