आपका लाड प्यार ही आपके बच्चे का आईक्यू लेवल कम कर रहा है डॉ अर्चिता महाजन

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मानसिक व्यायाम और पजल, रिडल्स, और लोजिकल गेम्स का खेलने से मस्तिष्क की क्षमता में सुधार हो सकता है

देवभूमि न्यूज डेस्क
हिमाचल प्रदेश
चंम्बा

डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि हर मां-बाप चाहता है कि उसके बच्चे का आईक्यू लेवल ज्यादा हो पर सिर्फ चाहने से ही नहीं होगा उसके लिए आपको बच्चों के जन्म से लेकर पहले 5-7 साल मेहनत करनी होगी और अपने बच्चों को अच्छी डाइट देनी होगी।अपने बच्चे को इंटेलिंजेंट बनाने और उसका जिन बच्चों को मां-बाप लाड प्यार में फास्ट फूड कोल्ड ड्रिंक मैगी पास्ता अंधाधुंध नॉनवेज का सेवन करते हैं 90% ऐसे बच्चे काम आईक्यू लेवल के पाए जाते हैं।जो बच्चे कुशल पाठक नहीं होते वे कम सीखते हैं। चूंकि IQ टेस्ट के स्कोर इस बात से प्रभावित होते हैं कि बच्चे क्या सीखते हैं,

इसलिए हम उन बच्चों के IQ स्कोर में गिरावट देखते हैं जिनमें पढ़ने की कमी होती है और जिसका समाधान नहीं किया जाता।खराब लाइफस्टाइल का असर बच्चों के दिमाग और आईक्यू लेवल पर भी पड़ रहा है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण बच्चों के मस्तिष्क का सही विकास नहीं हो पा रहा है। जिससे बच्चों के सोचने समझने की क्षमता भी प्रभावित हो रही है। बच्चों को कब, क्या, और कितना सिखाना है ये समझना इतना आसान नहीं है।7 वर्ष के बच्चे – औसत IQ 90-113 के बीच। 8 वर्ष के बच्चे – औसत IQ 91-112 के बीच। 9 वर्ष के बच्चे – औसत IQ 93-112 के बीच। 10 वर्ष के बच्चे – औसत IQ 95-115 के बीच।बच्चों में कम बुद्धि के कारणों में संक्रामक रोग जैसे मैनिंजाइटिस, परजीवी और मस्तिष्क मलेरिया , प्रसवपूर्व दवा और शराब का सेवन, नवजात शिशु का दम घुटना, जन्म के समय कम वजन, सिर में चोट और अंतःस्रावी विकार शामिल हैं। इसके अलावा जन्म के समय बच्चों के शरीर में मैग्नीशियम की कमी भी आईक्यू लेवल कमजोर कर देती है