राष्ट्रपति चुनाव: पंजाब में भी हुई क्रॉस वोटिंग
देवभूमि न्यूज डेस्क
पंजाब
राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में भले ही द्रौपदी मुर्मू देश की नई राष्ट्रपति चुनी गई हैं, लेकिन मतगणना के नतीजों पर यदि नज़र डालें तो स्पष्ट हो जाता है छतीसगढ़,केरल,राजस्थान,पश्चमी बंगाल,दिल्ली,तेलंगाना,तमिलनाडु व पंजाब राज्य में द्रोपदी मुर्मू यशवंत सिन्हा से इन आठ राज्यो में पीछे रही
राष्ट्रपति चुनाव में सभी राज्य और दो केंद्र प्रशासित राज्य दिल्ली व पांडुचेरी के सांसद व विधायक वोट करते है जिनमे 4033 विधायक और 763 सांसदो ने वोट किया
यह आठ राज्य स्वम् को दलित प्रेमी राज्य कहलाते है राष्ट्रपति चुनाव में इनका दलित प्रेम कहीं नजर नही आया

पंजाब में भी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। आंकड़ों के मुताबिक कुल 114 विधायकों ने मतदान में किया। अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली और कांग्रेस के दो विधायकों डॉ. राज कुमार चब्बेवाल और हरदेव सिंह लाडी ने मतदान में भाग नहीं लिया।
आम आदमी पार्टी के कुल 92 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 18 विधायक हैं। यदि कांग्रेस के दो विधायकों ने वोट नहीं डाला तो आप के 92 और कांग्रेस के 16 विधायकों को मिलाकर कुल 108 वोट बनते थे। 5 के करीब मतों को अवैध करार दिया गया । अगर यह पांच वोट भी इस गुट की मान ली जाएं तो भी 103 वोट विरोधी पक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को मिलने चाहिए थे जबकि उन्हें केवल 101 वोट मिले हैं। दूसरी तरफ द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट डालने वाले दो भाजपा विधायक व दो अकाली विधायक थे। उन्हें 4 वोट मिलने चाहिए थे लेकिन उन्हें 8 वोट मिले। इससे स्पष्ट होता है कि पंजाब में विधायकों ने पार्टी लाईन से ऊपर उठ कर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया।उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष पद के चुनाव पार्टी में लागू नहीं होता है इसमें विधायक और सांसद अपनी मर्जी से किसी भी उम्मीदवार को वोट कर सकते हैं।
