देवभूमि न्यूज 24.इन
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🪦सावन २०२४: भगवान शिव के वाहन नंदी को भी हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। सभी शिव मंदिरों में प्रवेश करते ही नंदीजी की मूर्ति शिव की ओर मुख करके दिखाई देती है। नंदी को शिव का पसंदीदा सदस्य माना जाता है, जो उनकी सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
ऐसा माना जाता है कि नंदीजी भगवान शिव के द्वारपाल सेवक के रूप में भगवान शिव की सेवा करते हैं। यह भी माना जाता है कि नंदी के कान में अपनी इच्छा कहने से वह सीधे भगवान शिव तक पहुंचती है।
भगवान शिव को नंदी से अत्यधिक प्रेम है और वे उनकी हर बात सुनते हैं। इसलिए नंदी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। नंदी के बारे में मान्यता है कि भगवान शिव ने उन्हें ऐसा वरदान दिया था कि जो कोई भी उनके कान में अपनी इच्छा कहेगा, भगवान शिव उसकी इच्छा पूरी करेंगे। इसका वर्णन शास्त्रों में भी है।

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव अक्सर ध्यान में लीन रहते थे। भगवान शिव के मन में किसी भी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए उनके गण नंदीजी सदैव उनके रक्षक के रूप में भगवान शिव की सेवा करते थे। भगवान शिव की तपस्या के दौरान जो भी उनसे मिलने आता था, वह नंदी के कान में अपनी बातें या इच्छाएं कहते थे। नंदीजी के कान में भक्तों द्वारा कही गई बात सीधे भगवान शिव तक पहुंचती थी और भगवान शिव उन्हें पूरा करते थे। माना जाता है कि यही कारण है कि आज भी भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए नंदीजी के कान में अपनी मनोकामना कहते हैं। लेकिन नंदीजी के कान में अपनी बात कहने के कुछ नियम भी बताए गए हैं। आइए जानें नंदी के कान में इच्छा व्यक्त करने का सही तरीका क्या है।
📿नंदी के कान में मनोकामना कहने का सही तरीका और नियम
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१. सबसे पहले भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। इसके बाद नंदीजी को जल, फूल और दूध अर्पित करें। – अब धूप जलाएं और नंदी की आरती करें.


२. वैसे तो मनोकामना नंदीजी के किसी भी कान में बोली जा सकती है, लेकिन बाएं कान में मनोकामना बोलना अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
३. अपनी इच्छा नंदी के कान में कहने से पहले “ओम” शब्द का जाप करें। माना जाता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामनाएं भगवान शिव तक जल्दी पहुंचती हैं।
४. नंदी के कान में अपनी मनोकामना बोलते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो भी आप नंदीजी के कान में कहने जा रहे हैं उसे कोई और न सुन सके। इसलिए अपनी इच्छा बहुत धीरे से लेकिन स्पष्ट रूप से कहें।
५. अपनी इच्छा कहते समय आपको अपने दोनों हाथों से अपने होठों को ढक लेना चाहिए, ताकि कोई दूसरा आपको अपनी इच्छा कहते हुए न देख सके।
६. किसी को नुकसान पहुंचाने या गलत करने की इच्छा न रखें और नंदी के कान में कभी किसी के बारे में बुरा न बोलें।
७. अपनी इच्छा कहने के बाद यह अवश्य कहें कि ‘नंदी महाराज, हमारी इच्छा पूरी करें। एक समय में एक इच्छा कहें. लालच न करें और एक साथ बहुत सारी इच्छाएँ न कहें।
*♿#जय_महाकाल♿*
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