श्री शिव महापुराण श्रीउमा संहिता (प्रथम खंड)✍️

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देवभूमि न्यूज 24.इन

(उनचासवां अध्याय) उमा की उत्पत्ति… (भाग 1) ऋषियों ने पूछा- हे सूत जी! अब आप हमसे देवी उमा के अवतार एवं प्रादुर्भाव की कथा का वर्णन कीजिए। तब ऋषियों के प्रश्न का उत्तर देते हुए सूत जी बोले-एक बार की बात है, देवताओं की युद्ध में विजय हुई। विजयी होकर देवताओं को बहुत घमंड हो गया और वे अपनी बहादुरी की बहुत प्रशंसा करने लगे। तभी एक कूप के रूप में तेज प्रकट हो गया। उस तेज को एकाएक देखकर देवता घबरा गए। देवराज इंद्र ने उस तेज की परीक्षा लेने के लिए सर्वप्रथम वायुदेव को वहां भेजा।

वायुदेव उस तेज की परीक्षा लेने के लिए वहां पहुंचे। उन्होंने तेज के पास जाकर पूछा- तू कौन है? तब तेज ने भी यही प्रश्न वायु से किया। वायुदेव ने अहंकार से कहा- मैं इस जगत का प्राण हूं। मेरे द्वारा ही यह जगत चल रहा है। यह सुनकर तेज ने कहा कि इस तिनके को जलाकर दिखाओ तो मैं तुम्हें शक्तिशाली समझ सकता हूं परंतु वायुदेव अपनी सारी ताकत लगाकर भी उस तिनके को हिला भी नहीं सके। तब लज्जित और हारे हुए वे देवराज इंद्र के पास पहुंचे।

देवराज इंद्र को जब यह सब बातें ज्ञात हुईं तो उन्होंने एक-एक करके सब देवताओं को उस तेज की परीक्षा लेने के लिए भेजा, लेकिन सभी देवता परास्त होकर वापस आ गए। तब स्वयं इंद्र उस दिव्य तेज की परीक्षा लेने के लिए गए। जैसे ही इंद्र उस स्थान पर पहुंचे वह तेज अंतर्धान हो गया। यह देखकर देवेंद्र आश्चर्यचकित रह गए। तब उस तेज को दिव्य और शक्तिशाली जानकर मन ही मन इंद्र उनकी स्तुति करने लगे। वे बोले- मैं आपकी शरण में आया हूं। कृपा कर मुझे दर्शन दो।

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी के मध्यान्ह का समय। देवी उमा ने प्रकट होकर देवराज इंद्र को दर्शन दिए।

वे बोलीं- हे देवराज इंद्र! ब्रह्मा, विष्णु और शिव भी मेरी स्तुति करते हैं। अन्य देवता भी मुझे पूजते हैं। मैं परमब्रह्म प्रणव स्वरूप देवी हूं। मेरी ही कृपा से तुम्हें विजयश्री प्राप्त हुई है। इसलिए अपने अभिमान और घमंड को त्यागकर मेरा स्मरण करो।

यह कहकर देवी शांत हो गईं। यह सुनकर देवताओं ने देवी उमा की स्तुति करनी आरंभ कर दी। देवता बोले- हे महामाया! हे जगदंबा! आप हमें क्षमा करें। हम दोनों हाथ जोड़कर आपकी शरण में आए हैं। हमसे जो गलती हो गई है उसे भूलकर हम पर अपनी कृपादृष्टि रखें। यह कहकर देवता देवी मां की स्तुति करने लगे।

क्रमशः शेष अगले अंक में…
✍️ज्यो:शैलेन्द्र सिंगला पलवल हरियाणा mo no/WhatsApp no9992776726